Bhopal Gas Tragedy Case : मुआवजा बढ़ाने की मांग SC ने की खारिज

195

नई दिल्ली। Bhopal Gas Tragedy Case :  सुप्रीम कोर्ट ने भोपाल गैस पीड़ितों को 7 हजार 844 करोड़ रुपये अतिरिक्त मुआवजा दिलवाने की केंद्र की अर्जी को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 1989 में सरकार और कंपनी में मुआवजे पर समझौता हुआ। अब फिर मुआवजे का आदेश नहीं दे सकते हैं।

Uttarakhand Cabinet Decision : राज्य आंदोलनकारियों को सरकारी नौकरी में 10% आरक्षण पर मुहर

मुआवजे की राशि बढ़ाने की याचिका खारिज

दरअसल,1984 भोपाल गैस त्रासदी (Bhopal Gas Tragedy Case) में पीड़ितों के लिए मुआवजे की राशि बढ़ाने के लिए केंद्र की याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि मुआवजा काफी था। अगर सरकार को ज्यादा मुआवजा जरूरी लगता है तो खुद देना चाहिए था।

‘दो दशक बाद भी मामले को उठाने का नहीं है कोई तर्क’

जज संजय किशन कौल की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने कहा कि मामले को सुलझाने के दो दशक बाद भी केंद्र द्वारा इस मुद्दे को उठाने का कोई तर्क नहीं है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि पीड़ितों के लिए आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपये की राशि का इस्तेमाल यूनियन ऑफ इंडिया द्वारा पीड़ितों के लंबित दावों को पूरा करने के लिए किया जाएगा।

पीठ ने क्या कहा

पीठ ने कहा हम दो दशकों के बाद इस मुद्दे को उठाने के लिए कोई तर्क प्रस्तुत नहीं करने के लिए भारत सरकार से असंतुष्ट हैं, हमारा मानना है कि सुधारात्मक याचिकाओं पर विचार नहीं किया जा सकता है। इससे पहले जस्टिस संजीव खन्ना, अभय एस ओका, विक्रम नाथ और जे के महेश्वर की बेंच ने भी 12 जनवरी को केंद्र की उपचारात्मक याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

बता दें कि 1984 के भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के लिए यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन (यूसीसी) की उत्तराधिकारी फर्मों से 7,400 करोड़ रुपये के अतिरिक्त मुआवजे की मांग को लेकर केंद्र द्वारा क्यूरेटिव पिटीशन दायर की गई थी। वहीं, यूनियन कार्बाइड कॉरपोरेशन ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि वो 1989 में हुए समझौते के अलावा भोपाल गैस पीड़ितों को एक भी पैसा नहीं देगा। उल्लेखनीय है कि भोपाल गैस त्रासदी में 3,000 से अधिक लोग मारे गए थे और 1.02 लाख प्रभावित हुए थे।

Same Sex Marriage Case : क्या समलैंगिक विवाह को मिलेगी कानूनी मान्यता?

Leave a Reply