Mumbai Bomb Blast: 1993 के मुंबई बम धमाका मामले में चार गिरफ्तार

669

अहमदाबाद। Mumbai Bomb Blast:  आतंकवाद निरोधक दस्ते ने मुंबई बम धमाका 1993 कांड के चार फरार आतंकियों को दबोच लिया है। कुख्यात माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम के करीबी एवं मुंबई बम धमाकों में आरोपी 4 फरार आतंकी आतंकवाद निरोधक दस्ते के हत्थे चढ़े हैं। इनमें अबु बकर, युसुफ भटका, शोएब बाबा, सैयद कुरैशी शामिल हैं। जयपुर में आतंकी घटना में भी इनकी लिप्तता सामने आई है, नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) इस मामले की जांच कर रही है। आतंकवाद निरोधक दस्ते की अहमदाबाद टीम इन आतंकियों को दबोचा है इससे पहले नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी मुंबई के दर्जनों ठिकानों पर छापामारी कर चुकी थी।

NATO Membership: फिनलैंड और स्वीडन की सदस्यता को नहीं रोकेगा तुर्की

गौरतलब है कि मुंबई बम धमाका (Mumbai Bomb Blast) प्रकरण वांटेड अपराधी एवं कुख्यात माफिया डॉन दाऊद इब्राहिम वांछित है तथा केंद्र सरकार की ओर से समय-समय पर उसके खिलाफ कई तरह के कानूनी नोटिस भी जारी किया जा चुका है। गिरफ्तार किए गए चारों आतंकी दाऊद इब्राहिम के करीबी बताए जाते हैं यह लंबे समय से मुंबई समय देश के विभिन्न शहरों में दाऊद के कहने पर अपराधिक आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं। इनके आतंकी संगठनों के साथ संबंधों की भी आशंका है आतंकवाद निरोधक दस्ता इनसे कड़ी पूछताछ कर रहा है तथा इनके अंतरराष्ट्रीय संबंधों व आतंकी संगठनों के साथ उनकी मिलीभगत की जांच व पूछताछ चल रही है।

जानें पूरा घटनाक्रम- कब क्‍या हुआ?

1993 के मुंबई बम धमाकों में 257 लोग मारे गए थे, जबकि 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे। इस तबाही में 27 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति नष्ट हो गई थी। इन धमाकों की चीखें पूरे देश में सुनाई दीं। मुंबई बम धमाकों को सुनियोजित तरीके से अंजाम दिया गया। अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का इशारा मिलने के बाद सबसे पहले लोगों को मुंबई में हुए धमाकों के लिए चुना गया। उन्हें दुबई के रास्ते पाकिस्तान भेजा गया और प्रशिक्षण दिया गया। तस्करी के अपने जाल का इस्तेमाल करते हुए दाऊद ने अरब सागर के रास्ते विस्फोटकों को मुंबई पहुंचाया था।

इस खूनी खेल को अंजाम देने के लिए मुंबई में उन सभी जगहों की पहचान कर ली गई, जहां धमाकों को अंजाम दिया जाना था। शहर के अलग-अलग इलाकों में करीब दो घंटे तक ये धमाके होते रहे और पूरी मुंबई की जिंदगी थम गई। चारों तरफ दहशत का माहौल था। पहला धमाका सुबह करीब 1.30 बजे बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के पास और आखिरी धमाका दोपहर 3.40 बजे (सी रॉक होटल) में हुआ। एस हुसैन जैदी की किताब ‘ब्लैक फ्राइडे’ पर आधारित इस फिल्म का शिवसेना ने कड़ा विरोध किया था। इससे पहले 2007 में पूरे हुए मुकदमे के पहले चरण में टाडा कोर्ट ने इस मामले में याकूब मेमन समेत 100 आरोपियों को दोषी ठहराया था, जबकि 23 लोगों को बरी किया गया था।

New Lokpal chief: नए लोकपाल प्रमुख की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू

Leave a Reply