किशोर उपाध्याय बागियों की घर वापसी पर प्रीतम से सहमत नहीं

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फैसले को एक व्यक्ति नहीं बदल सकता उन्होंने सवाल खड़ा किया कि विधानसभा चुनाव में जिन बागियों को अनुशासनहीनता करने पर निष्कासित किया गया था। वह किसी एक व्यक्ति का फैसला नहीं था, बल्कि पार्टी के अधिकृत 70 प्रत्याशियों की लिखित मांग और प्रदेश कांग्रेस कमेटी का था। इस फैसले को एक व्यक्ति नहीं बदल सकता। उन्होंने कहा कि मेरी राय में तो इस तरह के फैसले को प्रदेश कांग्रेस कमेटी की बैठक में ही विचार के लिए लाया जाना चाहिए। पीसीसी को ही इस पर निर्णय लेने का अधिकार है। किशोर उपाध्याय ने कहा कि बगावत कर पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव में नुकसान पहुंचाने वाले लोगों की वापसी से यह भी संभव है कि निष्ठावान कार्यकर्ताओं की भावनाएं आहत हो और संगठन को नुकसान ना उठाना पड़े। यह एक गंभीर विषय है।]]>

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