थाईलैण्ड, हांगकांग, चीन से परमार्थ निकेतन पधारा श्रद्धालुओं का दल

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी से मुलाकात कर लिया आशीर्वाद

10907
parmarth_niketan

ऋषिकेश, 23 अप्रैल। परमार्थ निकेतन में थाईलैण्ड, हांगकांग, चीन से श्रद्धालुओं का दल पहुंचा उन्होने परमार्थ निकेतन के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज से भेंट कर आशीर्वाद लिया। विदेशी श्रद्धालुओं ने परमार्थ गंगा तट पर होने वाली विश्व विख्यात गंगा आरती में सहभाग किया।

कुम्भ में सहभाग हेतु सभी को आमंत्रित किया

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने थाईलैण्ड, हांगकांग, चीन से आये श्रद्धालुओं से महिला सशक्तिकरण, शिक्षा, चिकित्सा, योग, ग्लोबल वार्मिग, घटते भूजल स्तर, वैश्विक स्तर पर बढ़ते प्रदूषण जैसे वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की। साथ ही परमार्थ निकेतन में प्रतिवर्ष आयोजित होने वाले अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव के विषय में जानकारी प्राप्त की। स्वामी जी महाराज ने वर्ष 2021 में हरिद्धार में होने कुम्भ में सहभाग हेतु सभी को आमंत्रित किया।

हमें अपनी सोच को बदलना होगा

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने थाईलैण्ड, हांगकांग, चीन से आये दल के सदस्यों को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देते हुये कहा कि अगर हम वास्तव में अपनी धरा से प्रेम करते है तो हमें अपने कर्तव्यों का निर्वहन करना होगा; हमें अपनी सोच को बदलना होगा; अपनी इच्छाओं और आवश्यकताओं को सीमित करना होगा तथा पर्यावरण संरक्षण के लिये जिम्मेदारी और ईमानदारी के साथ आगे आना होगा।

हरित विकास पर ध्यान देना होगा

उन्होने कहा कि हमें आपस में सौहार्द पूर्ण सम्बंधों को विकसित करना होगा। हम सभी मिलकर पारदर्शिता के साथ पर्यावरण और जल संरक्षण के लिये कार्य करे तो विलक्षण परिवर्तन हो सकता है। स्वामी जी महाराज ने कहा कि ग्लोबल वार्मिग जैसी समस्याओं के समाधान के लिये भविष्य की नीतियों को सतत विकास से जोड़ना होगा। हम मानव विकास की बात करते है अब हमें  मानव विकास से पहले प्रकृति के हरित विकास पर ध्यान देना होगा।

भूजल स्तर किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिये एक चुनौती

श्री शुंझी योन ने कहा कि परमार्थ निकेतन में वास्तव में आध्यात्मिकता के साथ वैश्विक स्तर की समस्याओं पर भी चिंतन और समाधान के लिये अनेक प्रयास किये जा रहे है यह सचमुच अद्भुत कार्य है। उन्होने कहा कि ग्लोबल वार्मिग और घटता भूजल स्तर किसी एक देश की नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिये एक चुनौती  है इस पर मिलकर कार्य करे तो ही बेहतर परिणाम प्राप्त कर सकते है।

उन्होने परमार्थ गंगा तट और गंगा आरती को बेहद शान्तिदायक बताया और अन्तर्राष्ट्रीय योग महोत्सव और वर्ष 2021 में हरिद्धार में होने वाले कुम्भ मेला में आने हेतु अपनी स्वीकृति प्रदान की।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज के पावन सान्निध्य में सभी ने मिलकर विश्व स्तर पर स्वच्छ जल की आपूर्ति हेतु वाटर ब्लेसिंग सेरेमनी सम्पन्न की इस अवसर पर सूर्या द्विवेदी, शुंझी योन, शुक फंग, शाओइंग, सोमरीड, फारामाह, फरा चिनाफान, फुलमानत फरूमाहा और अन्य श्रद्धालुओं ने सहभाग किया।

स्वामी चिदानन्द सरस्वती जी महाराज ने विदेशी श्रद्धालुओं को पर्यावरण संरक्षण का प्रतीक रूद्राक्ष का पौधा भेंटकर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प कराया।

Leave a Reply