तमिलनाडु:डोकलाम विवाद के बाद भारत और चीन के रिश्तों में आई दरार को खत्म करने के लिए आयोजित वुहान समिट की सफलता के बाद अब एक बार फिर दोनों देशों के शीर्ष नेता अनौपचारिक शिखर बैठक कर सकते हैं। पिछली बार यह बैठक चीन के वुहान शहर में हुई थी, जबकि इस बार यह बैठक भारत में होने जा रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग मंदिरों और स्मारकों के लिए दुनियाभर में चर्चित तमिलनाडु के तटीय शहर मामल्लपुरम में शिखर बैठक कर सकते हैं।
पीएम मोदी और शी जिनपिंग दोनों 11 से 13 अक्टूबर के बीच मुलाकात करेंगे। सूत्रों के मुताबिक अभी मुलाकात के स्थान को लेकर अंतिम फैसला नहीं हुआ है। इस बीच ऐसी भी अटकलें लगाई जा रही हैं कि पीएम मोदी और शी जिनपिंग वाराणसी में भी शिखर बैठक कर सकते हैं। सूत्रों ने बताया कि ज्यादा संभावना मामल्लपुरम की है।
तमिलनाडु सरकार ने शुरू की तैयारी
बताया जा रहा है कि इस बैठक के लिए तमिलनाडु सरकार ने भी तैयारी शुरू कर दी है। शिखर बैठक के दौरान बातचीत के अलावा दोनों नेता प्राचीन स्मारकों को भी देखने जा सकते हैं। मामल्लपुरम में स्थित सेवेन पगौड़ा यूनेस्को की विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल है। बता दें कि इससे पहले वुहान में बैठक के दौरान पीएम मोदी ओर चीनी राष्ट्रपति हुबेई प्रांत के म्यूजियम गए थे।
राजनयिक स्तर पर बड़ी बैठक, होंगी सबकी नजरें
तमिलनाडु के एक मंत्री ने बताया कि जब शिखर बैठक स्थल का चयन हो जाएगा तो उसके बारे में चीनी अधिकारियों को जानकारी दे दी जाएगी। वर्ष 2018 में मामल्लपुरम में ही डिफेंस एक्सपो लगा था। उस समय पीएम मोदी ने ही इसका उद्घाटन किया था। इस एक्सपो में दुनियाभर की रक्षा कंपनियों के प्रतिनिधि आए थे। बताया जा रहा है कि तमिलनाडु में हाल के दिनों में राजनयिक स्तर पर इतनी बड़ी बैठक पहली बार होने जा रही है।