School Reopening News : महाराष्ट्र ने तो फैसला कर लिया कि 23 नवंबर से स्कूल खोले जाएं, लेकिन ओडिशा ने 15 नवंबर से स्कूल खोलने के पुराने निर्णय को वापस ले लिया। वहीं गुजरात सरकार ने कहा कि राज्य में 18 नवंबर से स्कूल खोलने की मानक परिचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार की जा रही है। दरअसल, उत्तराखंड और आंध्र प्रदेश ने अपने-अपने यहां स्कूल खोले तो भारी तादाद में शिक्षकों और विद्यार्थियों में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया। स्कूल खोले जाएं इससे अभिभावकों और स्कूल प्रशासकों की चिंता बढ़ा दी है।
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उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में बंद हुए स्कूल
उत्तराखंड में कक्षा दसवीं से बारहवीं तक के स्कूल सोमवार से खोल दिए, लेकिन पौड़ी गढ़वाल जिले में 20 सरकारी स्कूलों के 80 शिक्षक कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए। इस कारण जिला प्रशासन ने शुक्रवार से चार प्रभावित प्रखंडों में स्कूलों को पांच दिन के लिए बंद कर दिया। अब ताबड़तोड़ जांच चल रही है कि कहीं स्कूल आए विद्यार्थियों में तो वायरस नहीं फैल गया।
आंध्र प्रदेश में भारी संख्या में शिक्षक और विद्यार्थी संक्रमित
आंध्र प्रदेश में 2 नवंबर से स्कूल खुले, लेकिन वहां पिछले चार दिनों में 600 विद्यार्थी और 830 शिक्षक कोरोना पॉजिटिव पाए जा चुके हैं। हालांकि, राज्य सरकार ने स्कूल खुला रखने का निर्णय किया है। राज्य में कॉलेज और यूनिवर्सिटी समेत सभी उच्च शिक्षण संस्थान भी खुल चुके हैं।
23 नवंबर से स्कूल खोलने की तैयारी में महाराष्ट्र
महाराष्ट्र की स्कूली शिक्षा मंत्री वर्षा गायवाड़ ने 23 नवंबर से क्लास नौ से 12 तक के स्कूल खोलने का ऐलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार इसके लिए एसओपी तैयार कर रही है, लेकिन अभिभावकों की सहमति और स्वास्थ्य एवं सुरक्षा निर्देशों के शत प्रतिशत अनुपालन की स्थिति में ही स्कूल खोले जाएंगे। मंत्री ने यह भी कहा कि अगले साल मई में क्लास 10 और 12 तक की परीक्षा होनी चाहिए जो हर साल फरवरी या मार्च में हुआ करती थी।
ओडिशा ने वापस लिया स्कूल खोलने का फैसला
ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने राज्य में कोरोना की दूसरी लहर की आशंका व्यक्त की तो नवंबर में स्कूल खोलने का निर्णय वापस ले लिया गया। राज्य में 15 दिसंबर से 15 जनवरी के बीच कोरोना की दूसरी लहर चलने की आशंका है। ओडिशा ने आंध्र प्रदेश में शिक्षकों और विद्यार्थियों के संक्रमित पाए जाने की घटना से भी सीख ली।
केंद्र ने जारी की स्कूल खोलने की गाइडलाइंस
केंद्र ने 21 सितंबर से कक्षा 9 से 12 तक के स्कूलों की छूट दी थी। 15 अक्टूबर से सभी तरह के स्कूलों को खोलने की अनुमति दे दी थी। उसने आखिरी फैसला राज्यों पर छोड़ा दिया। कई राज्यों ने स्कूल बंदी जारी रखने का फैसला किया है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने स्कूल और हायर एजुकेशन इंस्टिट्यूशंस (HEIs) खोलने से जुड़ी गाइडलाइंस जारी कर दी। राज्य इसी के आधार पर अपनी गाइडलाइंस बना रहे हैं। राज्य सरकारें स्कूल/कोचिंग मैनेजमेंट से बातचीत के बाद इन शर्तों को ध्यान में रखते हुए फैसला कर सकती हैं।
केंद्र की गाइडलाइंस में इन बातों पर जोर
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा दिया जाएगा।
अगर स्टूडेंट्स ऑनलाइन क्लास अटेंड करना चाहते हैं तो उन्हें इसकी इजाजत दी जाए।
स्टूडेंट्स केवल पैरेंट्स की लिखित अनुमति के बाद ही स्कूल/कोचिंग आ सकते हैं। उनपर अटेंडेंस का कोई दबाव न डाला जाए।
स्वास्थ्य और सुरक्षा के लिए शिक्षा विभाग की SOP के आधार पर राज्य अपनी SOP तैयार करेंगे।
जो भी स्कूल खोले जाएं, उन्हें अनिवार्य रूप से राज्य के शिक्षा विभागों की SOPs का पालन करना होगा।
कॉलेज और हायर एजुकेशन के इंस्टिट्यूट कब खुलेंगे, इसपर फैसला उच्च शिक्षा विभाग करेगा। इसके लिए गृह मंत्रालय से भी बात की जाएगी।
ऑनलाइन/डिस्टेंस लर्निंग को प्राथमिकता और बढ़ावा।
फिलहाल केवल रिसर्च स्कॉलर्स (Ph.D) और पीजी के वो स्टूडेंट्स जिन्हे लैब में काम करना पड़ता है, उनके लिए ही संस्थान खुलेंगे। इसमें भी केंद्र से सहायता पाने वाले संस्थानों में, उसका हेड तय करेगा कि लैब वर्क की जरूरत है या नहीं। राज्यों की यूनिवर्सिटीज या प्राइवेट यूनिवर्सिटीज अपने यहां की स्थानीय गाइडलाइंस के हिसाब से खुल सकती हैं।
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