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देहरादून: New Education Session 2023 शनिवार से नया शिक्षा सत्र 2023 शुरू होने जा रहा है । सिस्टम के लचर प्रबंधन का खामियाजा छात्र-छात्राओं को भुगतना पड़ेगा। उपूर्वन्हें बिना किताब के ही अपनी नई कक्षा की शुरुआत करनी पड़ेगी। बता दें कि आज से सत्र शुरू होने जा रहा है और संध्या पर किताबों की छपाई के लिए विभाग ने कंपनी से एमओयू किया। ऐसे में कब किताबें छपकर छात्रों के हाथों में पहुंचेगी अभी स्थिति पूरी तरह स्पष्ट नहीं है।
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आज नई शिक्षा नीति (New Education Session 2023) का सूबे में जोरशोर से प्रचार हो रहा है लेकिन पुरानी सिलेबस की पुस्तकें समय पर छापने में विभाग की स्थिति उसकी तैयारियों की पोल खोल रही है। शिक्षा विभाग सुधार के लाख दावे करे, लेकिन उसकी सुस्त व्यवस्था व पुराने ढर्रे में कोई बड़ा परिवर्तन आता नहीं दिख रहा है।
शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत ने विभाग के आलाधिकारियों के साथ समय-समय पर कई बार समीक्षा बैठक में सरकारी और सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के पहली कक्षा से 12वीं तक के विद्यार्थियों को दी जाने वाली निश्शुल्क पुस्तकों की समय पर छपाई और स्कूल तक पहुंचाने के लिए निर्देशित किया।
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा कि किताबों की छपाई करने वाली कंपनी के साथ एमओयू के आवश्यक दस्तावेज प्राप्त हो गए हैं। एमओयू की बाकी औपचारिकताएं शनिवार को पूरी कर दी जाएंगी। पहले चरण में पहली कक्षा से आठवीं तक की पुस्तकें प्रकाशित की जाएंगी। इसके बाद जैसे-जैसे छपाई पूरी होती जाएगी वैसे-वैसे पुस्तकों का वितरण स्कूलों में शुरू कर दिया जाएगा।
6.5 लाख छात्र-छात्राओं को दी जानी हैं किताबें
पहली से 12वीं कक्षा तक के करीब छह लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को केंद्र सरकार की मदद से हर वर्ष निश्शुल्क पुस्तकें उपलब्ध कराई जाती हैं। इस वर्ष से सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालयों के आठवीं से 12वीं तक के 6, 49,117 छात्र-छात्राओं को भी यह पुस्तकें दी जाएंगी। पहले केवल पहली कक्षा से सातवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों को यह पुस्तकें दी जाती थीं।
पिछले वर्षों में भी किताबें समय पर नहीं मिली
पिछले वर्ष जब जुलाई-अगस्त तक भी दूर दराज के विद्यालयों में निश्शुल्क पुस्तकें नहीं पहुंची तो शिक्षा महानिदेशक बंधीधर तिवारी ने खुद अपना और शिक्षा विभाग के आलाधिकारियों के वेतन रोकने के आदेश जारी कर दिए थे। आदेश में कहा गया कि जब तक स्कूलों में किताबें नहीं पहुंचती वह खुद भी और इससे जुड़े अधिकारियों का वेतन जारी नहीं करने देंगे। शिक्षा महानिदेशक की इस सख्ती के बाद सितंबर महीने तक सभी स्कूलों में किताबें पहुंच पाई थी।
राज्य में स्कूल व छात्रों की स्थिति
प्राथमिक विद्यालय : 15517
छात्र : 3, 51,977
राजकीय उच्च माध्यमिक और हाईस्कूल : 5753
राजकीय इंटर कालेज :1406
नौंवी से 12वीं तक छात्र : 1,73,230
सहायता प्राप्त अशासकीय विद्यालय : 614
छात्र : 1,24,110
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