सलेक्शन बोर्ड ने सेना के बदलते परिदृश्य पर की चर्चा

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देश के विभिन्न सलेक्शन बोर्डो के अध्यक्षों की बैठक का आयोजन किया गया। छ- दिनों तक चली इस बैठक में बोर्ड के अध्यक्षों ने प्रत्याशियों के चयन में अपनाये जाने वाले कौशल को विकसित करने की प्रवृति पर चर्चा की गई। देश भर के वायु सेना सलेक्शन बोर्ड के अध्यक्ष डिफेंस इन्सटिट्यूट आॅफ साइक्लोजिकल रिसर्च एवं अन्य सलेक्शन बोर्ड के प्रतिनिधियों ने बैठक में भाग लिया।

देहरादून सलेक्शन बोर्ड के अध्यक्ष एयर कोमोडोर एएस पठानिया की मेजबानी में आयोजित इस बैठक में प्रतिनिधियों ने सेना के बदलते परिदृश्य पर विस्तृत चर्चा की। इस दौरान प्रत्याशियों के चयन स्तर को और ऊंचा बनाये जाने एवं अन्य तरीकों के जरिये उनकी योग्यता को परखने के बारे मं विस्तार से चर्चा की गई।

देश का पहला संस्थान देहरादून में स्थापित वायु सेना सलेक्शन बोर्ड 

स्वतंत्रता से पूर्व उत्तराखंड के देहरादून में स्थापित वायु सेना सलेक्शन बोर्ड देश का पहला ऐसा संस्थान है जो भारतीय सशस्त्र बल में अधिकारियों के चयन का कार्य करता आ रहा है। यह संस्थान प्रारम्भ में सन 1943 में फोरेस्ट रिसर्च इन्सटिट्यूट देहरादून में एक प्रयोगात्मक चयन आयोग के रुप में स्थापित किया गया था। उसके बाद आयोग को नम्बर 1 जनरल सलेक्शन बोर्ड के नाम से तथा बाद में रायल वायु सेना सलेक्शन बोर्ड के नाम से जाना जाने लगा। यह चयन आयोग सशस्त्र बलों के तीनों अंगो के लिए अधिकारियों का चयन करता है। यह सलेक्शन बोर्ड उत्तराखंड एवं पड़ोसी राज्यों के लिए वरदान सिद्ध हुआ है जहां से प्रत्याशी अपना भविष्य सवारने के लिए सशस्त्र बलों का चुनाव करते हैं यह सलेक्शन बोर्ड देश में स्थापित होने वाला प्रथम सलेक्शन बोर्ड है। अन्य सलेक्शन बोर्ड इसके बाद स्थापित किये गये है। चयन का तरीका सशस्त्र बलों के तीनों सेना अंगों के लिए सामान्य होता है। प्र्रत्याशियों को डिफेंस इन्सटिट्यूट आफ साइक्लोजिकल रिसर्च दिल्ली में प्रशिक्षण दिया जाता है। सशस्त्र बलों के तीनों अंगो के लिए प्रत्याशियों के चयन के अतिरिक्त यह सलेक्शन बोर्ड कम्प्यूटराइज्ड पायलेट सलेक्शन सिस्टम से वायुसेना, सेना, नौसेना एवं कोस्ट गार्ड के लिए वायुयान चालकों तथा मित्र देशों के अधिकारियों के चयन के लिए भी कार्य करता है।

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