जल्द ही ट्राउड मछली उत्पादन क्षेत्र के रूप में मिलेगी नई पहचान

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समय-समय पर उत्पादकों को तकनीकी जानकारी कराई जाए मुहैया उन्होंने वैज्ञानिकों से कहा कि समय-समय पर उत्पादकों को तकनीकी जानकारी मुहैया कराई जाए। निदेशक देवाशीष शर्मा ने ट्राउड मछली के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कहा कि ठंडे जल में पैदा होने वाली इस मछली की बाजार में भारी मांग है। उन्होंने कहा कि एक टैंक में 300 से 500 ग्राम वजन की 1200 मछली पैदा हो जाती है। उन्होंने कहा कि किसानों को संबंधित केंद्रों से मछली बीज उपलब्ध कराने के साथ ही समय-समय पर तकनीकी जानकारी भी दी जाएगी। उन्होंने ट्राउड मछली के आहार और बीज तैयार करने की विधि बताई। इस अवसर पर देवाशीष शर्मा, आरएस पतियाल, प्रेम कुमार, एनएन पांडेय, रीतेश कुमार, भूप्पी पांगती, तारा पांगती आदि मौजूद थे।]]>

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