Adani Group : राहुल गांधी के दावे पर अदाणी समूह का जवाब

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नई दिल्ली। Adani Group :  अरबपति कारोबारी Gautam Adani के समूह ने सोमवार को अपनी कंपनियों में 2019 से अब तक 2.87 अरब डॉलर की हिस्सेदारी की बिक्री का ब्योरा सूचीबद्ध किया और बताया कि कैसे समूह ने 2.55 अरब डॉलर जुटाए और उसे कारोबार में लगाया। कंपनी राहुल गांधी के ‘शेल कंपनियों’ के जरिए 20,000 करोड़ रुपये कमाने के दावे का जवाब दे रही थी। अदाणी समूह ने कहा कि अबू धाबी स्थित वैश्विक रणनीतिक निवेश कंपनी, इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी PJSC (IHC) जैसे निवेशकों ने अदाणी एंटरप्राइज लिमिटेड और अदाणी ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (AGEL) जैसे फर्मों में 2.593 बिलियन अमेरिकी डॉलर का निवेश किया। साथ ही प्रमोटरों ने अदाणी टोटल गैस लिमिटेड में हिस्सेदारी बेची।

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यहां से आए पैसे

अदाणी समूह ने कहा कि इन फंड्स को नए कारोबार के विकास और अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड, अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड, अदाणी ट्रांसमिशन लिमिटेड और अदाणी पावर लिमिटेड जैसी पोर्टफोलियो कंपनियों के विकास के लिए प्रवर्तक संस्थाओं द्वारा इनमें फिर से निवेश किया गया।

अदाणी समूह का ये बयान एक रिपोर्ट का खंडन करते हुए जारी किया गया था। इसमें करीब-करीब वही बातें कहीं गई हैं, जो राहुल गांधी बीते कई हफ्तों से कहते आ रहे हैं। आपको बता दें कि राहुल गांधी कई बार ये सवाल उठा चुके हैं कि अदाणी समूह की शेल कंपनियों में 20,000 करोड़ रुपये अचानक कैसे आ गए!

कानून का हो रहा पालन (Adani Group)

अदाणी समूह ने कहा है कि हम एक्सचेंज के नियमों का पूरी तरह से अनुपालन कर रहे हैं और प्रवर्तक, स्वामित्व और फंड रेजिंग जैसी चीजों में कोई घालमेल नहीं कर रहे हैं। जनवरी 2021 में प्रवर्तकों ने नवीकरणीय ऊर्जा फर्म एजीईएल में 20 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांस की दिग्गज कंपनी टोटल एनर्जी को बेचकर 2 बिलियन अमरीकी डालर जुटाए। अदाणी टोटल गैस लिमिटेड में 37.4 प्रतिशत हिस्सेदारी फ्रांसीसी फर्म को 783 मिलियन अमरीकी डालर में बेची थी।

फंड का ऐसे हुआ निवेश

समूह ने कहा कि विदेशों से प्राप्त धन को वापस समूह की संस्थाओं में लगा दिया गया, जिसे अब कुछ लोगों द्वारा ‘शेल कंपनियों’ द्वारा निवेश करार दिया जा रहा है। बयान में कहा गया है कि इन फंड्स को नए कारोबार के लिए प्रवर्तक संस्थाओं द्वारा पुनर्निवेश किया गया था। प्रवर्तक संस्थाओं की अदाणी कंपनियों में पर्याप्त हिस्सेदारी है, जो समय के साथ बढ़ी है। ये संस्थाएं अपने निवेश को बढ़ाने में सक्षम हैं। सभी लेन-देन का स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में सार्वजनिक रूप से खुलासा किया गया था।

क्या है विवाद

अदाणी समूह पर अमेरिकी शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया गया था कि कंपनी अकाउंट फ्रॉड, धोखाधड़ी में लिप्त है और उसने मॉरीशस में स्थित शेल कंपनियों के नेटवर्क का उपयोग भारत में हेर-फेर करने के लिए किया। समूह की सात सूचीबद्ध कंपनियों के शेयर की कीमतों और उनकी बैलेंस शीट को बेहतर बनाने के लिए कई तरह के फ्रॉड किए गए।

अदाणी समूह ने सभी आरोपों का खंडन किया है और हिंडनबर्ग के आरोपों को गलत बताया है। लेकिन इसके बाद विपक्षी दल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गौतम अदाणी के रिश्तों को लेकर हमलावर हो गए हैं। राहुल गांधी समेत कई नेताओं ने अदाणी के विदेशी कनेक्शनों की जांच की मांग की है।

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