Ministry of civil aviation: ने नए ड्रोन नियम 2021 को किया पारित

701

नई दिल्ली। Ministry of civil aviation: ड्रोन उड़ाने को लेकर केंद्र सरकार ने नए नियम बना दिए हैं। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने नए ड्रोन नियम 2021 को पारित किया है, जो मौजूदा मानव रहित विमान प्रणाली नियम की जगह लेंगे। सरकार ने अधिसूचना जारी कर यह जानकारी दी। सरकार ने 15 जुलाई को नए ड्रोन नियमों की घोषणा की थी और 5 अगस्त तक हितधारकों और उद्योग से आपत्तियां और सुझाव मांगे गए थे। भारत में ड्रोन संचालित करने के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाने और अनुपालन बोझ को कम करने के लिए हितधारकों द्वारा नए नियमों की सराहना की गई थी।

Nanda Gaura Scheme: में वंचित 33216 बालिकाओं को देंगे कन्याधन

ड्रोन संचालित करने की अनुमति के लिए शुल्क नाममात्र

Ministry of civil aviation:  ने नए नियमों को जारी कर दिया है, जिसमें ड्रोन के संचालन के लिए किसी भी पंजीकरण या लाइसेंस जारी करने से पहले अब किसी सुरक्षा मंजूरी की आवश्यकता नहीं है। जबकि ड्रोन संचालित करने की अनुमति के लिए शुल्क नाममात्र हो गया है।

कार्गो डिलीवरी के लिए ड्रोन कॉरिडोर विकसित किए जाएंगे। यह भी बताया गया है कि भारी पेलोड(सामान) ले जाने वाले ड्रोन और ड्रोन टैक्सियों के लिए ड्रोन का कवरेज 300 किलोग्राम से बढ़ाकर 500 किलोग्राम कर दिया गया है।

नए नियमों के तहत समाप्त किए गए कुछ अनुमोदनों में यूनिक अधिकृत नंबर , यूनिक प्रोटोटाइप पहचान संख्या, अनुरूपता का प्रमाण पत्र, रखरखाव का प्रमाण पत्र, आपरेटर परमिट, अनुसंधान और विकास संगठन का प्राधिकरण और दूरस्थ पायलट प्रशिक्षक प्राधिकरण शामिल हैं।

ड्रोन नियम, 2021 के तहत अधिकतम जुर्माना एक लाख रुपये कर दिया गया है। हालांकि, यह अन्य कानूनों के उल्लंघन के संबंध में दंड पर लागू नहीं होगा।

डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म पर हरे, पीले और लाल क्षेत्रों के साथ इंटरेक्टिव एयरस्पेस मैप प्रदर्शित किया जाएगा। एयरपोर्ट पैरामीटर मामले में येलो जोन 45 किलोमीटर से घटाकर 12 किलोमीटर कर दिया गया है।

हवाई अड्डे की परिधि से 8 से 12 किमी के बीच के क्षेत्र में ग्रीन जोन और 200 फीट तक के क्षेत्र में ड्रोन के संचालन के लिए किसी अनुमति की आवश्यकता नहीं है। वहीं, सभी ड्रोन का ऑनलाइन पंजीकरण डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म के माध्यम से होगा। कहा गया है कि इससे ड्रोन के ट्रांसफर और डी-पंजीकरण जैसे कामों में भी आसानी हो सकेगी।

ड्रोन के संचालन के लिए अब किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं

नियमों में कहा गया है कि गैर-व्यावसायिक उपयोग के लिए नैनो ड्रोन और माइक्रो ड्रोन के संचालन के लिए अब किसी पायलट लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है।

भविष्य में ‘नो परमिशन – नो टेक-ऑफ’ (एनपीएनटी), रीयल-टाइम ट्रैकिंग बीकन, जियो-फेंसिंग आदि जैसी सुरक्षा सुविधाओं को अधिसूचित किया जाएगा। इसके पालन के लिए कम से कम छह महीने का समय दिया जाएगा।

बताया गया कि सभी ड्रोन ट्रेनिंग और एग्जाम एक अधिकृत ड्रोन स्कूल द्वारा की जाएगी। डीजीसीए प्रशिक्षण आवश्यकताओं को निर्धारित करेगा, ड्रोन स्कूलों की निगरानी करेगा और ऑनलाइन पायलट लाइसेंस प्रदान करेगा

भारतीय गुणवत्ता परिषद और इसके द्वारा अधिकृत प्रमाणन संस्थाओं को सौंपे गए ड्रोन का प्रकार प्रमाणन। अनुसंधान और विकास संस्थाओं के लिए प्रकार प्रमाण पत्र, विशिष्ट पहचान संख्या, पूर्व अनुमति और दूरस्थ पायलट लाइसेंस की कोई आवश्यकता नहीं है।

ड्रोन के आयात को विदेश व्यापार महानिदेशालय (डीजीएफटी) द्वारा नियंत्रित किया जाएगा। व्यापार के अनुकूल नियामक व्यवस्था की सुविधा के लिए मानव रहित विमान प्रणाली संवर्धन परिषद की स्थापना की जाएगी।

Ujjwala Yojana 2.0: CM योगी आदित्यनाथ ने बांटा मुफ्त LPG कनेक्शन

Leave a Reply