हरिद्वार। महाशिवरात्रि पर्व पर स्नान के क्रम में हरकी पैड़ी पर संन्यासी अखाड़े स्नान कर रहे हैं। सबसे पहले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने स्नान शुरू किया है, जिसकी अगुआई जूना आखाड़ा के आचार्य महाममडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि ने की। इस बीच मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत हरकी पैड़ी के ब्रह्मकुंड पहुंचे और ब्रह्मकुंड पर महाशिवरात्रि पर्व स्नान कर रहे श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी के संत महात्माओं का माला पहनाकर स्वागत किया और उनसे आशीर्वाद ग्रहण किया। इस दौरान संत महात्माओं ने भी उन्हें माला पहनाकर अपना आशीर्वाद दिया।
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हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर आस्था की डुबकी लगाने के बाद वापस अखाड़ा पहुंची श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी और आनंद का जुलूस।
महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने हरिद्वार के वीआइपी घाट पर गंगा स्नान कर पूजन किया। इसके बाद तीरथ हरकी पैड़ी पर पहुंचे और साधु-संतों पर फूलों की वर्षा की। इस दौरान उनकी पत्नी रशिम त्यागी रावत मौजूद रहीं।
हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पर डुबकी लगाने की तैयारी में श्री पंचायती अखाड़ा, निरंजनी और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर और साधु संत।
श्री पंचायती निरंजनी और आनंद अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर समेत अन्य संत गंगा स्नान के लिए हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचने वाले हैं। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत जगह-जगह रथों पर सवार आचार्य महामंडलेश्वर और महामंडलेश्वर का स्थानीय निवासियों ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। संतो ने भी आमजन का अभिवादन किया।
जूना अखाड़े के स्नान का क्रम और समय समाप्त हो रहा है। अखाड़ों के साधु संन्यासी वापसी की राह पर हैं। इस बीच श्री पंचायती अखाड़ा निरंजनी का जुलूस शाही वैभव के साथ स्नान के लिए हरकी पैड़ी की ओर रवाना हुआ। जुलूस का नेतृत्व निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि कर रहे हैं।
सबसे पहले श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा ने स्नान शुरू किया है।
अखाड़ों की धार्मिक परंपराओं के लिहाज से कुंभ मेला जनवरी से शुरू
अखाड़ों की धार्मिक परंपराओं के लिहाज से कुंभ मेला जनवरी से शुरू हो चुका है। इस प्रकार कुंभ में अभी तक मकर सक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा स्नान पर्व संपन्न हो चुके हैं। लेकिन, श्रद्धालुओं की संख्या उम्मीद से कम रही है। महाशिवरात्रि स्नान पर्व पर चूंकि सातों संन्यासी अखाड़े इस कुंभ का पहला स्नान करेंगे और श्रद्धालुओं की संख्या भी पिछले स्नान पवरें से अधिक उमड़ी है।
सबसे पहले जूना अखाड़ेे ने किया स्नान
महाशविरात्रि स्नान पर्व पर सबसे पहले जूना अखाड़ा आह्वान, अग्नि व किन्नर अखाड़ा सहित स्नान के लिए जुलूस के रूप में हरकी पैड़ी के लिए रवाना हुआ। श्री जूना अखाड़ा सुबह 10 बजे अपनी छावनी मायादेवी मंदिर से शुरू होकर अपर रोड पोस्ट आफिस तिराहा से अपर रोड होते हुए 11 बजे हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड पहुंचा। साढ़े 11 बजे इसी मार्ग से वापसी होकर साढ़े 12 बजे छावनी पहुंचेंगे। दोनों अखाड़ों के छावनी पहुंचने तक श्री निरंजनी अखाड़ा व श्री आनंद अखाड़ा अपनी छावनी श्री निरंजनी अखाड़े से निकलकर वाल्मीकि चौक पर रुका रहेगा। रूट खुलते ही दोनों अखाड़े अपर रोड होते हुए करीब एक बजे हरकी पैड़ी पहुंचेगा।
अखाड़ा वापसी करते हुए करीब ढाई बजे छावनी पहुंच जाएगा
डेढ़ बजे तक स्नान के बाद अखाड़ा वापसी करते हुए करीब ढाई बजे छावनी पहुंच जाएगा। इस बीच दोपहर करीब डेढ़ बजे श्री महानिर्वाणी अखाड़ा व श्री अटल अखाड़े श्री महानिर्वाणी अखाड़े की छावनी से बंगाली मोड, शंकराचार्य चौक से डाम कोठी पुल पर पहुंचेगा। जब तक श्री निरंजनी और आनंद अखाड़े तुलसी चौक से मुड़कर अपनी छावनी नहीं पहुंच जाते, तब तक दोनों अखाड़े यहीं रुकेंगे, उनके छावनी में पहुंचने के बाद ललतारौ पुल होते हुए करीब चार बजे हरकी पैड़ी पहुंचेंगे और साढ़े चार बजे वापस रवाना होकर लगभग साढ़े पांच बजे छावनी पहुंचेगे।