इस्लामाबाद: केंद्रीय सरकार ने एक ओर जहां जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35 खत्म करने का फैसला लिया है। भारत सरकार के इस फैसला से पाकिस्तान में हलचल तेज हो गई है। आज पाकिस्तान ने नेशनल असेंबली और सिनेट का संयुक्त सत्र (joint parliamentary session) की आपात बैठक बुलाई है। विपक्ष के हंगामे के बाद संयुक्त सत्र को 20 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री इमरान खान के बैठक में शामिल ना होने पर एतराज जताया है।
विपक्ष ने किया जमकर हंगामा
दरअसल, विपक्षी नेता उम्मीद कर रहे हैं कि प्रधानमंत्री इमरान खान भी बैठक में शामिल होंगे क्योंकि, उनका मानना है कि कश्मीर मुद्दा सभी राजनीतिक मतभेदों से ऊपर है। बता दें कि जैसे ही मीडिया में खबर आई कि भारत ने जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा छीन लिया है वैसी ही पाकिस्तानी विपक्षी दलों ने मांग की थी कि धा जल्द ही एक संयुक्त सत्र बुलाया जाए। पीपीपी (pakistan people party) के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो-जरदारी सबसे पहले विपक्षी नेता थे जिन्होंने इस बैठक की मांग की थी। इसी के साथ वह तुरंत ही बैठक में शामिल होने के लिए कराची से इस्लामाबाद आ गए थे।पाकिस्तानी मीडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा मंगलवार को रावलपिंडी में कोर कमांडर की बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
गौरतलब है कि जम्मू कश्मीर से विशेष दर्जा छीने जाने के फैसले पर आपात बैठक बुलाई है। पाकिस्तान शुरुआती विकल्प के रूप में इस मामले को संयुक्त राष्ट्र में उठाने पर विचार कर रहा है। पाकिस्तान का मानना है कि कश्मीर एक विवादित क्षेत्र है और इस पर कोई भी निर्णय दिव्पक्षीय रूप से ही निपटाना होगा। बता दें कि भारत सरकार ने अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35 ए को खत्म करके जम्मू कश्मीर को विधानसभा के साथ एक केंद्र शाशित प्रदेश और लद्दाख को बिना विधानसभा के एक केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया है।
भारत ने कसी कमर
भारत यह समझ रहा है कि अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अभी यह लड़ाई लंबी चलेगी। इसको देखते हुए भी जबरदस्त तैयारी है। संयुक्त राष्ट्र से लेकर दूसरे मंचों पर पाकिस्तान की हर साजिश का कूटनीतिक तरीके से जवाब देने के लिए पूरी तरह से कमर कस ली है।
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि
विदेश मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने सोमवार को दोपहर बाद से संयुक्त राष्ट्र स्थाई परिषद के पांच सदस्य देशों के अलावा अन्य दूसरे देशों को अनुच्छेद-370 के संबंध में जानकारी देने का सिलसिला शुरू किया गया है। कई राजनयिकों ने अपने स्तर पर सरकार के इस फैसले के बारे में जानकारी मांगी थी और उन्हें विदेश मंत्रालय की तरफ से उपलब्ध कराई गई है।
पाकिस्तान विदेश मंत्री ने किया विरोध
पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने जम्मू व कश्मीर संबंधी भारत के फैसले की आलोचना करते हुए कहा है कि पाकिस्तान इसका हर मुमकिन तरीके से विरोध करेगा। कुरैशी ने कहा है कि उनका देश भारत सरकार के इस फैसले को संयुक्त राष्ट्र, इस्लामिक सहयोग संगठन, मित्र देशों और मानवाधिकार संगठनों के समक्ष उठाएगा और उनसे इस मुद्दे पर चुप नहीं रहने का अनुरोध करेगा।