उत्तरकाशी: (चिरंजीव सेमवाल)-24 अप्रैल। होम क्वारंटाइन के उल्लंघन के आरोप में राजस्व पुलिस ने छह माह के बच्चे और तीन साल की एक बच्ची के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें मुलजिम बना दिया। इस मामले से प्रशासन में हड़कंप मचा हुआ है। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने इस मामले में संबंधित क्षेत्र के कोविड-19 मजिस्ट्रेट को निलंबित कर दिया है।
उत्तरकाशी जिले का यह मामला मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला है। जुवेनाइल एक्ट के तहत आठ वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर कोई भी मुकदमा दर्ज नहीं हो सकता है।
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लॉकडाउन होने के दौरान चिन्यालीसौड़ राजस्व क्षेत्र के एक गांव में पंचकुला (हरियाणा) से एक परिवार अपने दो बच्चों के साथ गांव पहुंचा। इस परिवार को होम क्वारंटाइन के निर्देश दिए गए थे। आरोप है कि परिवार ने होम क्वारंटाइन का पालन नहीं किया। इसकी शिकायत जिलाधिकारी तक पहुंची।
रेगुलर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया
जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान के आदेश पर कलक्ट्रेट ओसी चतर सिंह चौहन ने चिन्यालीसौड़ तहसील क्षेत्र में होम क्वारंटाइन का पालन न करने वाले 51 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इसमें चार लोग थाना धरासू क्षेत्र के थे, जिनके खिलाफ रेगुलर पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया।
इनके अलावा 47 लोग राजस्व क्षेत्र के थे। इसी 47 लोगों की सूची में छह माह का एक बच्चा और एक तीन साल की बच्ची का नाम और उनके माता पिता का नाम भी शामिल था। राजस्व पुलिस के पास जैसे ही सूची पहुंची। राजस्व पुलिस होम क्वारंटाइन का पालन न करने और दूसरों के जीवन को खतरे में डालने के आरोप में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज किया।
कम उम्र के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती
इन दोनों बच्चों पर मुकदमा दर्ज हुआ तो क्षेत्र के लोगों ने इस पर कड़ी अपत्ति जतायी। मामले की भनक प्रशासन को लगी तो प्रशासन में हड़कंप मच गया। आनन फानन में डीएम डा.आशीष चौहान ने कहा, “जुवेनाइल जस्टिस एक्ट के तहत 8 साल से कम उम्र के लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती है।
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जिला मजिस्ट्रेट ने संबंधित क्षेत्र के कोविड-19 मजिस्ट्रेट गिरीश सिंह राणा को निलंबित किया। गिरीश सिंह राणा सिंचाई खंड उत्तरकाशी में सहायक अभियंता के पद पर तैनात हैं। इधर, जिला पंचायत सदस्य संगठन के प्रदेश अध्यक्ष एवं अधिवक्ता प्रदीप भट्ट ने मामले की जानकारी देते हुए कहा कि 8 वर्ष से कम आयु के बच्चों पर जुवेनाइल एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज नहीं की जा सकती।
उन्होंने बाल अधिकार संरक्षण आयोग से मामले पर संज्ञान लेकर दोषी अधिकारियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की है।