बागेश्वर : ओम नम: शिवाय के जयघोष के साथ बागनाथ नगरी दिनभर गुंजायमान रही। सावन के दूसरे सोमवार को महिला-पुरुषों ने शिव को जलार्पण किया। शिव मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धा का तांता लगा रहा और पंडितों ने रुद्री पाठ कर शिव की अराधना की।
सावन के दूसरे सोमवार को शिवालयों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ रही। साधुओं ने भी शिव की पूजा-अर्चना की और जिससे पूरा माहौल शिवमय हो गया है। शिवालयों में भी जय बम बोले की गूंज के साथ श्रद्धालुओं ने शिवलिग पर बेलपत्र, दूध व जल चढ़ाया। वहीं, सावन के दूसरे सोमवार के साथ ही प्रदोष भी था, जिससे इस सावन सोमवार का महत्व और भी बढ़ा। उधर, कपकोट, कांडा, काफलीगैर, दुग नाकुरी, शामा आदि तहसीलों में शिव मंदिरों में श्रद्धा का तांता लगा रहा।
शिवालयों में उमड़ा भक्तों का रेला
पंडित मोहन चंद्र लोहनी ने कहा कि सावन सोमवार का व्रत करने के लिए सबसे पहले सुबह उठकर नित्य कर्मों से निवृत्त होकर घर की शुद्धि की जाती है। भगवान शिव के मंत्रों का जाप करते हुए भगवान शिव का अभिषेक, भोलेनाथ को शमी, कनेर, पान, सुपारी, बेलपत्र, चावल, भांग, धतूरा और शहद अíपत करें। व्रत का संकल्प लें और पूरे दिन निराहार रहते हुए भगवान शिव की पूजा करें। शाम के समय भगवान शिव की पूजा करके आरती करें और भगवान शिव को भोग अíपत करने के बाद व्रत तोड़ें।