देहरादून। Ayushman bharat scheme: आयुष्मान भारत योजना की तीसरी वर्षगांठ पर आयोजित ‘आरोग्य मंथन-3’ कार्यक्रम में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि अब आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए कोई शुल्क नहीं देना होगा। आयुष्मान योजना के तीन वर्ष पूरे होने पर आइएसबीटी के समीप एक होटल में आयुष्मान भारत आरोग्य मंथन-3 का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि आजाद भारत में पहली बार इस तरह की योजना लाई गई है।
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Ayushman bharat scheme: बनाने पर अब कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा
जन स्वास्थ्य से जुडी इस योजना की पहुंच सीधा आम आदमी तक है। अस्पताल में कोई व्यक्ति भर्ती होता था तो पूरे परिवार की आर्थिकी बिगड़ जाती थी। व्यक्ति को अपनी जमीन, जेवर तक गिरवी रखने पडते थे। ऐसे में यह योजना असहाय, बेसहारा लोगों का सहारा बनी है। योजना की जो भी खामियां हैं उन्हें साथ मिलकर दूर करेंगे। सीएम ने कहा कि कुछ अस्पतालों ने समय पर भुगतान न होने की बात रखी है। उन्होंने कहा कि सात दिन में सभी अस्पतालों का भुगतान किया जाएगा। आयुष्मान कार्ड बनाने पर अब कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र चौहान ने बताया कि आयुष्मान योजना के तहत अब लाभार्थियों को गुर्दा प्रत्यारोपण की भी सुविधा मिलेगी। अगले कुछ वक्त में इसकी शुरुआत कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों से सीधा जुड़ने के लिए एक और नयी पहल की जा रही है। आयुष्मान के तहत होने वाली बड़ी सर्जरी पर राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण का एक प्रतिनिधि उनसे मिलने जाएगा। ‘गेट वेल सून’ का कार्ड उन्हें दिया जाएगा। वहीं स्वस्थ होने पर उनसे उपचार एवं देखभाल पर उनसे फीडबैक भी लिया जाएगा।
वहीं, अस्पताल के प्रतिनिधियों ने आयुष्मान योजना के तहत हड्डी रोग, स्त्री एवं प्रसूति रोग समेत कुछ अन्य पैकेज में संशोधन, सीजीएचएस रेट लागू करने, अनस्पेसिफाइड पैकेज के लिए त्वरत अनुमति आदि की मांग की।
आयुष्मान योजना सभी अस्पतालों के लिए अनिवार्य की जाए: विनोद चलोली
धर्मपुर विधायक विनोद चलोली ने कहा कि आयुष्मान योजना सभी अस्पतालों के लिए अनिवार्य की जाए। उन्होंने कहा कि कोरोना जब चरम पर था और मरीज बेड व आक्सीजन के लिए जूझ रहे थे, पता चला कि कई अस्पताल आयुष्मान से जुडे ही नहीं हैं। यानी सेवाभाव नहीं, वह व्यावसायिक दृष्टिकोण से काम कर रहे हैं। आयुष्मान योजना के पैकेज में कुछ की दरें कम हो सकती हैं, पर इन खामियों को भी दूर किया जाएगा। ऐसे में व्यवस्था की जाए कि जो भी अस्पताल राज्य में खुले वह आयुष्मान से जरूर जुडें। वह उत्तराखंड में सिर्फ व्यवसाय न करें, बल्कि सेवा भी करें।
इस दौरान स्वास्थ्य मंत्री डा धन सिंह रावत, स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी, महापौर सुनील उनियाल गामा, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण कै अध्यक्ष डीके कोटिया, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुणेंद्र चौहान समेत तमाम सरकारी व निजी अस्पतालों के प्रतिनिधि मौजूद रहे।
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