रिपोर्ट … page3news.co.in
देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शुक्रवार को रिंग रोड स्थित किसान भवन में ‘ओक तसर विकास परियोजना’ (टी.एस.पी) का शुभारम्भ किया। यह परियोजना केन्द्रीय रेशम बोर्ड, वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से सीएसएस के अन्तर्गत किया जा रहा है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने रेशम कीड़ों की आपूर्ति के लिए राज्य सरकार की ओर से 1 करोड़ रूपये सहायता एवं उत्तराखंड में रेशम के ओक तसर रिसर्च सेंटर के लिए अनुकूलता के आधार पर भूमि उपलब्ध कराने की घोषणा की। हिमाचल प्रदेश की भांति उत्तराखण्ड में भी रेशम के कीड़ों के लिए किसानों के लिए धनराशि की व्यवस्था किये जाने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने रेशम विभाग की पुस्तक एवं फोल्डर का विमोचन तथा स्टॉलों का अवलोकन भी किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ओक तसर विकास परियोजना से रेशम उद्योग से जुड़े किसानों को रोजगार के नये आयाम जुड़ेंगे। प्रदेश में रेशम उत्पादन में वृद्धि होने से किसानों के लिए अतिरिक्त आय का जरिया बन सकता है। उत्तराखण्ड में बांज प्राकृतिक रूप से अत्यधिक मात्रा में पैदा होता है। बांज पर्यावरण एवं पानी के श्रोत विकसित करने लिए बहुत उपयुक्त है। मणिपुरी बांज के पौध उत्तराखण्ड में लगाना लाभप्रद होगा। इस बांज की ग्रोथ भी अच्छी है व इसकी पत्तियां कोमल भी होती हैं। उन्होंने कहा कि मैदानी जनपदों में रेशम उत्पादन में कमी आई है, रेशम के उत्पादन वृद्धि करने के लिए उन्होंने और अधिक प्रयासों की जरूरत बतायी। पर्वतीय क्षेत्रों में पर्याप्त मात्रा में कृषि भूमि उपलब्ध है वहां पर भी ओक एवं मलबरी के पौध रोपण कर किसान रेशम उत्पादन कर आय में वृद्धि कर सकते हैं। ओक एवं मलबरी के उत्पादन में वृद्धि के लिए कास्तकारों एवं रेशम विभाग को प्रयास करने होंगे।