हेल्थ न्यूज … राज्य में सघन डायरिया पखवाडा 28 जुलाई से

2844

रिपोर्ट … page3news.co.in देहरादून। बच्चों के पेट में कीड़े मारने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस एवं डायरिया से बचाव एवं उपचार के लिए सघन डायरिया पखवाड़ा के आयोजन के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा सभी आवश्यक व्यवस्थाएं करना शुरू कर दिया गया है। इन दोनांे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य गतिविधियों के लिए स्वास्थ्य महानिदेशालय के सभागार में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक हुई। अध्यक्षता अपर सचिव स्वास्थ्य एवं मिशन निदेशक, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन युगल किशोर पंत द्वारा की गई। पंत ने विभिन्न विभागों के अधिकारियों को बताया कि 1-19 वर्ष आयु के लगभग 42 लाख बच्चों को पेट में कीड़े को मारने की दवा एलबंेडाजोल की गोली दिये जाने के लिए आगामी 10 अगस्त 2018 को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस का आयोजन किया जाएगा। इस अभियान के तहत सरकारी एवं प्राइवेट स्कूलों में 6-19 वर्ष के लगभग 24 लाख बच्चों को तथा 1-5 वर्ष के लगभग 9 लाख बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों पर एलबेंडाजोल की गोली दी जाएगी, जो बच्चें इस दिन गोली लेने से छूट जाएंगे उन्हें 17 अगस्त 2018 को यह गोली दी जाएगी। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वह इस अभियान को मिजल्स रूबैला टीकाकर.ा अभियान की तरह सफल बनाने में पूर्ण सहयोग एवं उत्तरदायित्व के साथ कार्य करेंगे ताकि हमारे बच्चे स्वस्थ रहते हुये एक सफल युवा पीड़ी के रूप में आगे बढे़। राज्य स्तरीय समन्वय की बैठक में उपस्थित अधिकारियों को यह जानकारी भी दी कि स्वास्थ्य विभाग डायरिया से बचाव एवं उपचार के लिए 28 जुलाई से 9 अगस्त 2018 तक सघन डायरिया पखवाड़ा आयोजित कर रहा है। जिसके दौरान आशा कार्यकत्रियों द्वारा उन घरों में ओआरएस के पैकेट दिये जाएंगे जिनमें 5 वर्ष से कम आयु के बच्चे हैं। बैठक में बताया गया कि 5 वर्ष तक के 10 प्रतिषत बच्चों में मृत्यु का एक प्रमुख कारण डायरिया है, जबकि साफ-सफाई, खुले स्थान पर शौच से परहेज तथा बच्चों में हाथ धोकर खाने की आदत डालने जैसे उपायों को अपनाने से डायरिया से बचा जा सकता है। बता दें स्वास्थ्य विभाग द्वारा गत वर्षों से सघन डायरिया नियंत्रण पखवाड़े के दौरान ओआरएस के पैकेट तथा राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर एलबेन्डाजोल की गोली दी जाती है। इन दोनों अभियान के बारे में एनएचएम के प्रभारी अधिकारी डॉ अमित शुक्ल द्वारा बताया गया कि विभाग के स्तर पर सभी तैयारियां प्रारम्भ हो चुकी हैं और जल्द ही स्कूलों के अध्यापक, आंगनवाड़ी, आशा, एनएचएम एवं चिकित्सकों को प्रशिक्षण दिये जाने का कार्य प्रारम्भ कर दिया जायेगा। उन्होंने कहा अभियान को प्राईवेट स्कूलों में भी शत प्रतिशत सफल बनाने की आवश्यकता है। बैठक में राज्य स्तरीय समन्वय समिति की बैठक में निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य डॉ टीसी पंत, निदेशक एनएचएम डॉ अंजलि नौटियाल समेत तमाम विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।]]>