सोनभद्र में जिस भूमि के लिए हुआ था नरसंहार उसमें से 1135 बीघा भूमि बंजर घोषित

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सोनभद्र, घोरावल कोतवाली क्षेत्र के उभ्भा गांव में जिस आदर्श कोआपरेटिव सोसाइटी की भूमि के लिए 17 जुलाई को नरसंहार हुआ था उसकी 1135 बीघा भूमि अब बंजर खाते में दर्ज कर ली गई है, यानि यह भूमि अब ग्राम समाज की हो गई। यह कार्यवाही एआरओ कोर्ट से आए फैसले के बाद जिला प्रशासन से किया है। अब आगे समिति के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की तैयारी चल रही है। जिनके नाम से भूमि हुई थी उनका बैनामा निरस्त करने की भी प्रक्रिया आगे की जाएगी।

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27 लोगों के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज करायी गई

राबर्ट्सगंज से करीब 73 किमी दूर घोरावल के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को भूमि पर कब्जा करने को लेकर नरसंहार हो गया था। उसमें दस लोगों की तो उसी दिन माैत हो गई और कई लोग घायल हो गए थे। उन्हीं घायलों में से एक महिला की बाद में मौत हो गई। इस घटना को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं संज्ञान लिया और जांच कमेटी गठित किया। जांच रिपोर्ट के आधार पर तत्कालीन जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक को हटाते हुए 27 लोगों के खिलाफ लखनऊ के हजरतगंज कोतवाली में एफआइआर दर्ज करायी गई।

उसी जांच रिपोर्ट में पता चला कि जिस आदर्श सोसाइटी की भूमि के लिए इतना बड़ा विवाद हुआ उसमें कई झोल हैं। फिर क्या उसकी विस्तृत जांच करायी गई। जांच में पता चला कि काफी जमीन बंजर की है। उसे गलत तरीके से सोसाइटी में शामिल किया गया था। इस भूमि का मुकदमा सहायक अभिलेख अधिकारी के न्यायालय में चल रहा था। पांच सितंबर को न्यायालय से आदेश हुआ कि समिति की 1135 बीघा जमीन बंजर खाते में दर्ज की जाए। अपर जिलाधिकारी योगेंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि जांच में पता चला कि गांव सर्वे में है। ऐसी स्थिति में जमीन को बंजर खाते में दर्ज कर लिया गया है। अब आगे समिति के खिलाफ जरूरी कार्रवाई होगी।

निरस्त होगा सभी का बैनामा

आदर्श कृषि सहकारी समिति की 1135 बीघा जमीन बंजर खाते में दर्ज कर ली गई है। अब इस जमीन को जिन लोगों ने लिया था उसके बैनामा की पूरी प्रक्रिया को निरस्त किया जाएगा। एडीएम ने बताया कि आदर्श कृषि सहकारी समिति उभ्भा में 503 बीघा और सपही में 632 बीघे जमीन को बंजर खाते में दर्ज कराया गया है। बता दें कि इस जमीन को ग्राम प्रधान यज्ञ दत्त के परिवार के सदस्यों व रिश्तेदारों के साथ ही कुछ अन्य लोगों ने बैनामा लिया था।

समिति बनने से लेकर अब तक खेल

नरसंहार जैसी घटना के बाद मुख्यमंत्री के निर्देश पर अपर प्रमुख सचिव राजस्व विभाग रेणुका कुमार के नेतृत्व वाली कमेटी जांच की। जांच में पता चला कि इस समिति के पास जो जमीन थी उसमें 1955 से ही खेल हुआ। जब समिति बनी तब से लेकर समिति से समिति के सदस्यों के नाम करने में, उसे बेचने में और बैनामा करने में भी खेल हुआ। ऐसे में समिति के सदस्यों, पदाधिकारियों सहित इस पूरे खेल में शामिल रहे अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। कइयों पर एफआइआर भी करायी गई है।

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