शुक्रवार को यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी ने केन्द्र सरकार पर सीधा हमला बोलते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनाव में दोबारा मोदी सरकार नहीं बनने देंगे। उन्होंने भड़काऊ बयान के बाद लोगों की आजादी पर हो रहे लगातार हमले को अचानक नहीं बल्कि इसे “खतरनाक मंसूबे का एक हिस्सा करार दिया”।
मुंबई में आयोजित इंडिया टुडे कॉन्क्लेव 2018 में अपने संबोधन में पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने यह आरोप लगाया कि जो कुछ भी किया गया उसका मकसद गलत तथ्य और राष्ट्र निर्माताओं पर हमले की कोशिशें के जरिए इतिहास को दोबारा लिखने का प्रयास है।
सोनिया गांधी ने कहा- “हमारा समाज, हमारी आजादी सभी इस वक्त खतरे में है। इसमें कोई गलती ना करें। सत्तादारी दल की तरफ से भड़काऊ बयान अचानक नहीं है। यह एक खतरनाक डिजाइन का एक हिस्सा है।” उन्होंने आगे कहा कि उन्मादी भीड़ और प्राइवेट आर्मीज को राज्य के संरक्षण में खुली छूट दी गई है। उन्होंने कहा कि देश के संविधान को बदलने के लिए संवेदनहीन बयान दिए जा रहे हैं।
धमकी और खौफ का बन चुका माहौल
यूपीए अध्यक्ष ने आगे कहा, “हर कोई समस्या खड़ी करनेवाली इस दिशा के साक्ष्य को देख सकता है। धमकी और खौफ का माहौल बन चुक है। विरोध की आवाज दबाई जा रही है। हिंसा और यहां तक की हत्या के कई मामले अब तक आ चुके हैं।”
पार्टी अध्यक्ष का पद छोड़ने के बाद यह पहला मौका है जब उन्होंने इस तरह से खुलकर बात की। इंडिया टुडे कॉन्क्लेव में उन्होंने साफ तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि लोकतंत्र में चर्चा और मतभेद दोनों स्वीकार्य हैं पर एकालाप नहीं। उन्होंने कांग्रेस और उसके प्रधानमंत्रियों द्वारा आजादी के बाद हासिल की गई उपलब्धियों की सत्तारूढ़ पार्टी की ओर से लगातार आलोचना किए जाने का संदर्भ देते हुए कहा कि पूर्व की उपलब्धियों को द्वेष के कारण कमतर बताया जा रहा है।
हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को भी संगठन के स्तर पर लोगों से जुड़ने का एक नया तरीका विकसित करने की जरूरत है। वर्ष 2004 में कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद अपने नेतृत्व की भूमिका पर उन्होंने कहा कि वह जानती थीं कि मनमोहन सिंह उनसे अच्छे प्रधानमंत्री साबित होंगे और साथ ही वह अपनी सीमाओं के बारे में जानती थीं।