राजनीति की मुख्य धारा में दल कि स्थिति पर केंद्रीय संचालन समिति ने किया चिंतन

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अल्मोड़ा में उत्तराखंड क्रांति दल कि केंद्रीय संचालन समिति की बैठक में मौजूद पदाधिकारी - फोटो पेज थ्री

अल्मोड़ा- उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय संचालन समिति की अल्मोड़ा में हुई बैठक में दल की उत्तराखंड की राजनीति में पकड़ पर चिंतन किया। वहीं ग्राम स्तर से दल को मजबूत करने का निर्णय लेते हुए चर्चा की गई।

जयश्री कालेज के सभागार में रविवार को हुई बैठक की अध्यक्षता करते हुए उक्रांद के अध्यक्ष काशी सिंह ऐरी ने कहा कि भाजपा और कांग्रेस की केवल सत्ता प्राप्ति की राजनीति के खिलाफ जनोन्मुखी राजनीति उक्रांद का मूल मंत्र है। इसी मूल मंत्र को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल ने विकास के लिए राज्य निर्माण की लड़ाई लड़ी। लेकिन राज्य बनने के बाद दल उत्तराखंड की राजनीति की मुख्य धारा में खड़ा नहीं हो सका।

उन्होंने कहा कि ऐसा क्यो हुआ इस पर गहन चिंतन और मंथन की आवश्यकता है। उन्होंने ग्राम स्तर से दल के संगठन को फिर से मजबूत करने की बात कही। कहा कि दल ने निर्णय लिया है कि संगठन में नए सिरे से सदस्यता अभियान चलाया जाय। वहीं प्रत्येक केंद्रीय पदाधिकारी को विकास खंड के प्रभारी की जिम्मेदारी देकर ग्राम स्तर पर संगठन को मजबूत किया जाए। उन्होंने दल के सभी कार्यकर्ताओं से दल की राजनीति में स्थिति पर चिंतन कर संगठन को अभी से मजबूत करने में जुट जाने को कहा।

बैठक में डा. शक्तिशैल कपरवान, पूर्व विधायक पुष्पेश त्रिपाठी, किशन मेहता, बिजय बौड़ाई, ललित बिष्ट, अधिवक्ता महेश परिहार, डा. वीके ओली, शिवराज बनौला ब्रह्मानंद डालाकोटी, खड़क सिंह बगड्वाल, सुशील ध्यानी, बहादुर सिंह रावत, राजेंद्र बिष्ट, भुवन जोशी, तेज सिंह कार्की, भानु जोशी, मोहन कांडपाल, दिनेश नौटियाल, दिनेश जोशी, गिरीश गोस्वामी, ज्योति ओली, देवेश सेन आदि मौजूद रहे।

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