Uddhav vs Shinde: जानें उद्धव और शिंदे के भाषण की 10 बड़ी बातें

323
video

Uddhav vs Shinde:  दशहरा के दिन मुंबई में दो रैलियां हुई। दोनों शिवसेना की दशहरा रैलियां थीं। शिवसेना के 56 साल के इतिहास में पहली बार दो दशहरा रैलियां हुईं। एक परंपरागत शिवाजी पार्क में तो दूसरी बीकेसी में। शिवाजी जी पार्क में उद्धव ठाकरे गरजे तो बीकेसी में एकनाथ शिंदे ने पलटवार किया।

Weather Alert: यूपी के इन जिलों में होगी मूसलाधार बारिश, रेड अलर्ट जारी

आइये जानते हैं उद्धव और शिंदे का भाषण की दस बड़ी बाते (Uddhav vs Shinde)

1.पहली बार शिवसेना के नाम पर दो दशहरा रैलियां

19 जून 1966 को बाला साहेब ठाकरे ने शिवसेना का गठन किया। पार्टी के गठन के वक्त ठाकरे ने एलान किया कि शिवसेना की पहली रैली दशहरे के दिन होगी। बाला साहेब ठाकरे के एलान के मुताबिक उस साल दशहरे के दिन 30 अक्तूबर को दादर के शिवाजी पार्क में ये रैली हुई।

56 साल के इतिहास में ये पहला मौका था जब शिवसेना के दो गुटों की दो दशहरा रैलियां आयोजित की गईं। 1966 से हर साल शिवाजी पार्क में दशहरा रैली होती थी। इस बार शिवाजी पार्क में उद्धव ठाकरे गुट की रैली हुई। वहीं, बीकेसी में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे गुट की रैली का आयोजन हुआ।

2. अमित शाह, फडणवीस और केंद्र पर भी बरसे उद्धव

उद्धव ठाकरे ने अपनी रैली में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Uddhav vs Shinde) पर जमकर निशाना साधा। इसके साथ ही उद्धव ने अमित शाह, देवेंद्र फडणवीस और केंद्र सरकार पर भी निशाना साधा। ठाकरे ने कहा कि भाजपा ने मेरी पीठ में छुरा घोंपा और उसे सबक सिखाने के लिए मैंने कांग्रेस और राकांपा के साथ गठबंधन किया। उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भाजपा को गरीबी जैसे मुद्दों पर आइना दिखाने के लिए आरएसएस महासचिव दत्तात्रेय होसबाले को बधाई दी।

भाजपा पर भी निशाना साधते हुए उद्धव ने कहा, “देश तानाशाही और गुलामी की तरफ बढ़ रहा है, क्या आप लोग इसके लिए तैयार हैं?” उन्होंने कहा, ‘ बीजेपी गाय की बात तो करती है, लेकिन महंगाई की बात नहीं करती है।

3. उद्धव ने शिंदे को गद्दार, कटप्पा और रावण बताया

ठाकरे ने कहा कि रावण की तरह शिंदे ने चेहरा बदला। गद्दारों को गद्दार ही कहेंगे। यह गद्दी हमारी है। यह सीएम पद 50 खोखे का हो गया है। उन्होंने हमें धोखा दिया है। उन्होंने शिंदे को कटप्पा कहते हुए कहा कि शिवसैनिक ‘कटप्पा’ को कभी माफ नहीं करेंगे।

4. ‘भाजपा से नाता तोड़ने का मतलब हिन्दुत्व से नाता तोड़ना नहीं’

उद्धव ठाकरे ने कहा कि हमें भाजपा से हिंदुत्व पर सबक लेने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा, “हमने भाजपा से नाता तोड़ लिया है, इसका मतलब ये नहीं है कि हमने हिंदुत्व को भी छोड़ दिया है। मैं आज भी हिंदू हूं और हमेशा हिंदू ही रहूंगा।”

5. उद्धव के भाषण में अंकिता हत्याकांड और बिलकिस बानो मामले का भी जिक्र

उद्धव ने अपने भाषण में अंकिता हत्याकांड और बिलकिस बानो मामले का भी जिक्र किया। उन्होंने मोहन भागवत के दशहरा भाषण में स्त्री शक्ति के सम्मान की बात करने पर कड़ा प्रहार किया। उद्धव ने कहा, ’भाजपा महिला सशक्तिकरण की बात करती है और देश में क्या हो रहा है। उत्तराखंड में क्या हुआ? गुजरात में बिलकिस बानो केस के आरोपियों को छोड़ दिया गया।’

6. जब तक आप मेरे साथ हैं, मैं पार्टी का नेता रहूंगा: उद्धव

उद्धव ने कहा, ‘मुझे केवल एक ही बात बुरी लगी और इस पर गुस्सा भी आता है कि जब मुझे अस्पताल में भर्ती कराया गया, तो जिन लोगों को मैंने राज्य की जिम्मेदारी दी, वे कटप्पा बन गए और हमें धोखा दिया। वे मुझे काट रहे थे और सोच रहे थे कि मैं अस्पताल से कभी नहीं लौटूंगा। उद्धव ठाकरे ने कहा कि जिन्हें हमने सब कुछ दिया, उन्होंने हमारे साथ विश्वासघात किया और जिन्हें कुछ नहीं दिया, वे सब एक साथ हैं। यह सेना एक या दो की नहीं बल्कि आप सभी की है। जब तक आप मेरे साथ हैं, मैं पार्टी का नेता रहूंगा।’

7. शिंदे के मंच पर ठाकरे परिवार के भी चेहरे पहुंचे

एकनाथ शिंदे की रैली में बाला साहेब ठाकरे के बड़े बेटे जयदेव ठाकरे भी पहुंचे। उनके अलावा बाला साहेब की बहू स्मिता ठाकरे और उनके बेटे भी एकनाथ शिंदे के मंच पर मौजूद थे। एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसके जरिए शिंदे ने यह दिखाने की कोशिश की उद्धव अपने परिवार तक को अपने साथ नहीं रख पा रहे हैं।

8. हम बाला साहेब के विचारों के वारिस हैं: शिंदे

एकनाथ शिंदे ने अपने भाषण में एक बार फिर शिवसेना पर दावा ठोंका। उन्होंने कहा, ‘शिवसेना ना उद्धव ठाकरे की है ना एकनाथ शिंदे की है। ये शिवसेना सिर्फ और सिर्फ बाला साहेब ठाकरे के विचारों की है। विरासत विचारों की होती है। हम बालासाहेब ठाकरे के विचारों के वारिस हैं।’

9.शिंदे बोले- गद्दारी हमने नहीं की, गद्दारी तो 2019 में हुई थी

शिंदे ने कहा, ‘पिछले दो महीने में हमारे लिए गद्दार और खोखे शब्द का इस्तेमाल हो रहा है। गद्दारी हुई है लेकिन वो गद्दारी 2019 में हुई थी। जो चुनाव हमने लड़ा था, आपने नतीजों के बाद भाजपा को छोड़कर महाविकास अघाड़ी गठबंधन बना लिया, वो गद्दारी थी। उस समय बाला साहेब ठाकरे के विचारों के साथ आपने गद्दारी की थी। जिन लोगों ने शिवसेना-भाजपा गठबंधन को वोट दिया था उनके साथ गद्दारी की गई थी। आप हमें गद्दार कह रहे हो। हमने जो किया वो गद्दारी नहीं है, वो गदर है..गदर। गदर का मतलब होता है क्रांति। हमने क्रांति की है।’

10. शिंदे का उद्धव पर हमला: आपने बाला साहेब के विचारों को बेच दिया

एकनाथ शिंदे ने कहा, ‘आपने बाला साहेब ठाकरे के विचारों को बेच दिया। हम पर आरोप लगाया कि बाप चुराने वाली टोली पैदा हो गई है। आपने तो बाला साहेब ठाकरे के विचारों को बेच दिया। आपने उन्हें बेचने का काम किया।’

video

Leave a Reply