नई दिल्ली, तमिलनाडु के चेन्नई में भोगी उत्सव के साथ ही पोंगल का शुभारंभ हो गया। भोगी को चार दिवसीय पोंगल त्योहार की शुरुआत कहा जाता है। इन चार दिनों में पहले तई पोंगल यानि सूर्य पोंगल, इसके बाद माट्टू पोंगल और चौथे दिन काणुम पोंगल मनाया जाता है। पोंगल के बाद मदुरै जिले के अलंगानल्लूर और अवनियापुरम सहित अन्य जिलों में जल्लीकट्टू का आयोजन किया जाएगा। आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और तेदेपा नेता एन चंद्रबाबू नायडू ने आज सुबह विजयवाड़ा में अमरावती परिक्षण समिति द्वारा आयोजित भोगी उत्सव में भाग लिया। नेताओं ने जीएन राव समिति की रिपोर्ट को जला दिया, जिसने पहले आंध्र प्रदेश के लिए 3 राजधानियों की सिफारिश की थी।
बता दें कि तमिलनाडु में 15 जनवरी से 31 जनवरी तक मदुरै जिले में जलीकट्टू प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएंगी। अवनियापुरम में 730 बैल, अलंगानल्लूर में 700 बैल और पलामेडु में 650 बैल इस साल जलीकट्टू प्रतियोगिताओं में हिस्सा ले रहे हैं।
जल्लीकट्टू तमिलनाडु का प्राचीन और विवादित खेल है। फसलों की कटाई के मौके पर पोंगल के दौरान इसका आयोजन किया जाता है। जल्ली का अर्थ होता है सिक्का और कट्टू का मतलब बांधा हुआ। सांडों के साथ इंसानों की यह एक प्रतियोगिता है। इसमें सांडों की सींगों में सिक्के या नोट फंसाकर रखे जाते हैं और फिर उन्हें भीड़ में छोड़ दिया जाता है। फिर प्रतियोगी सींगों को पकड़कर सांड पर काबू पाना होता है। सांडों के सींग में कपड़ा बंधा होता है जिसे इनामी राशि पाने के लिए निकालना होता है। बता दें कि पशुप्रेमी इस खेल का लंबे अरसे से विरोध करते रहे हैं।