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उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने भारतीय भाषाओं में एमबीबीएस जैसी पेशेवर डिग्री की शिक्षा दिए जाने का समर्थन किया है। उन्होंने भारतीय इतिहास, विरासत और संस्कृति पर जोर देने वाली शिक्षा प्रणाली की वकालत की है। एक दिन पहले शुक्रवार को उपराष्ट्रपति यहां हिंदुस्तान ग्रुप ऑफ एजुकेशन इंस्टीट्यूट के स्वर्ण जयंती उत्सव को संबोधित कर रहे थे।
नायडू ने कहा, मैं हमेशा से विभिन्न राज्यों में बच्चों को उनकी मातृ भाषा में शिक्षा दिए जाने की जरूरत पर जोर देता रहा हूं। मैं उम्मीद करता हूं कि एक दिन एमबीबीएस जैसे पेशेवर कोर्स की शिक्षा भी स्थानीय भाषाओं में दी जाएगी।
उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत को एक समय विश्वगुरु के रूप में जाना जाता था। दुनिया के हर हिस्से से ज्ञान पाने के लिए लोग यहां तक्षशिला और नालंदा तक आते थे। विदेशी आक्रमणों और ब्रिटिश उपनिवेशवाद ने परिदृश्य बदल दिया। भारत के लिए समय बदल गया है। एकबार फिर अब इसके दुनिया में ज्ञान का हब बनने का समय आ गया है।
दुनिया को टकराव से मुक्ति दिला सकता है संगीत
उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने कहा है कि टकराव से ओतप्रोत विश्व को संगीत राहत दिला सकता है। भारतीय शास्त्रीय संगीत खास तौर से कर्नाटक संगीत (दक्षिण भारतीय संगीत) आदर्श विचारों से बना है। उपराष्ट्रपति ने शनिवार को जानीमानी गायिका एवं संगीतकार डीके पट्टाम्मल की शताब्दी समारोह को संबोधित किया।
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