लखनऊ। महात्मा गांधी की जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश विधानमंडल के 36 घंटे से अधिक लगातार चली दोनों सदनों की कार्यवाही में एक और रिकार्ड बना है। गांधी की 150वीं जयंती पर दोनों सदन 36 घंटे 45 मिनट चलेे।
ऐसा पहली बार हुआ जब विधानसभा की कार्यवाही को बीच में अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दोनों सदनों की संयुक्त बैठक आयोजित की गयी। करीब डेढ़ घंटे चली संयुक्त बैठक के बाद विधानसभा और विधान परिषद की अलग-अलग कार्यवाही फिर से शुरू की गयी। संयुक्त राष्ट्र संघ के सतत विकास के 16 लक्ष्यों पर चर्चा में विपक्ष के शामिल न होने के बावूजद दोनों सदनों के 216 सदस्यों ने भाग लिया। विधान सभा में 149 और विधानपरिषद में 67 सदस्यों ने विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने दोनों सदनों में कुल पांच घंटे 18 मिनट के अपने संबोधन में लक्ष्यों को पाने के बारे में विस्तार से बताया।
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प्रदेश सरकार इस रिकॉर्ड के साथ ही एक और अनूठे रिकॉर्ड बनाया
महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के मौके पर दो अक्टूबर को योगी आदित्यनाथ सरकार ने उत्तर प्रदेश विधानमंडल का विशेष सत्र आयोजित किया। सदन की कार्यवाही चलने के बाद गुरुवार देर रात अनिश्चितकालीन के लिए स्थागित हो गया। ऐसा विशेष सत्र किसी राज्य की विधानसभा में पहली बार आहूत किया गया है। प्रदेश सरकार इस रिकॉर्ड के साथ ही एक और अनूठे रिकॉर्ड बनाया है।
कामनवेल्थ घोटाले में गांधी का दर्शन भूली थी कांग्रेस : योगी आदित्यनाथ
विशेष सत्र के समापन पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विपक्ष पर बरसे। गांधी दर्शन को अंगीकार करने की सलाह देने वाली कांग्रेस महासचिव प्रियंका वाड्रा पर पलटवार करते हुए योगी आदित्यनाथ ने कहा कामनवेल्थ जैसे घोटालों के दौरान कांग्रेस गांधी के दर्शन को भूल गई थी। वहीं उन्होंने बसपा को बाढ़ पीडि़तों को मदद देने के मुद्दे पर घेरा। सत्र में शामिल नहीं होकर विधानभवन प्रागंण में धरना देने वाले सपा नेताओं को जातिवाद और सत्ता के जरिये लूट खसोट में लिप्त रहने वाला करार दिया। गुरुवार को देर रात दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में मुख्यमंत्री ने संयुक्त राष्ट्र संघ के निर्धारित सतत विकास के 16 लक्ष्यों को पाने की कार्ययोजना के बारे में बताया।
मुख्यमंत्री का एक घंटा 35 मिनट का संबोधन
एक घंटा 35 मिनट के संबोधन में उन्होंने गरीबी, शिक्षा, रोजगार के मुद्दे पर विपक्ष को आड़े हाथ लिया। उन्होंने कहा कि इन मसलों पर सरकार से 48 घंटे चर्चा कराने की मांग करने वाले विपक्षी दलों को सदन में एक मिनट भी ठहरना गंवारा नहीं हुआ। सत्र में शामिल होने के बजाए नौ दो ग्यारह हो गए। सत्र के बहिष्कार से विपक्ष का चेहरा बेनकाब हो गया है। विशेष सत्र से साबित हुआ कि जनता ने 2014, 2017 और 2019 में जो फैसला दिया वह आंख बंद करके नहीं दिया। जनता को मालूम है कि उनके हितों के लिए हम ही कार्य सकते हैं। मुख्यमंत्री ने तुलसीदास की चौपाई उद्धृत की ‘जहां सुमति तहां संपत्ति नाना, जहां कुमति तहां विपति निदाना। उन्होंने कहा कि सपा, बसपा और कांग्रेस का विकास से कोई मतलब नहीं है। उन्होंने सत्र में शामिल होने पर प्रसपा अध्यक्ष शिवपाल यादव, बसपा के बागी अनिल सिंह, असलम राइनी, सपा के नितिन अग्रवाल व कांग्रेस के राकेश सिंह और अदिति सिंह के अलावा सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया।
इतना अनाज कि तीन साल तक खा सकें
मुख्यमंत्री ने दावा किया कि प्रदेश में भूख से किसी व्यक्ति की मौत नहीं हो सकती। हमारे गोदामों में इतना अनाज है कि तीन साल तक हर नागरिक को बैठाकर खिला सकते हैं। कहा कि अगले दो माह में बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे परियोजना का शुभारंभ हो जाएगा। देश के सबसे लंबे गंगा एक्सप्रेसवे पर भी काम अगले साल शुरू हो जाएगा।
…और पहले चले गए सभापति
लखनऊ। दोनों सदनों की संयुक्त बैठक मेें विधान परिषद के सभापति रमेश यादव के साथ प्रमुख सचिव डा. राजेश सिंह भी शामिल हुए थे। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के भाषण के बीच में ही सभापति रमेश यादव सदन से उठकर चले गए।
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