कश्मीर में पीएम मोदी ने किया हाइड्रोपावर प्रोजेक्ट का उद्घाटन

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भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार को हाइड्रोइलेक्ट्रिक पावर प्लांट का उद्घाटन किया जिसे लेकर पड़ोसी देश पाकिस्तान विरोध प्रदर्शन कर रहा है। पाकिस्तान का कहना है कि उसके देश में बह रहीं नदियों पर प्रोजेक्ट के इस प्रस्ताव से पानी के बहाव में व्यवधान पैदा होगा।

पाकिस्तान ने इनमें से कुछ परियोजनाओं का विरोध किया है। इसका कहना है कि यह सिंधु नदी व इसकी सहयोगी नदियों के बंटवारे पर वर्ल्ड बैंक की मध्यस्थता वाले संधि का उल्लंघन है। पाक के अनुसार, इसकी 80 फीसद खेती इन्हीं नदियों के पानी पर निर्भर है। शुक्रवार को पाक विदेश मंत्रालय ने कहा, ‘इस उद्घाटन को लेकर पाकिस्तान गंभीर है। पाकिस्तान का मानना है कि बिना विवाद को सुलझाए प्रोजेक्ट की शुरुआत सिंधु जल समझौते के उल्लंघन के बराबर है।‘

कई सालों तक अधर में लटका रहा था प्रोजेक्ट

किशनगंगा प्रोजेक्ट कई सालों तक अधर में लटका रहा क्योंकि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय अदालत में भारत को खींच लिया था जिसमें फैसला भारत के ही पक्ष में आया। 9 साल में तैयार हुए किशनगंगा हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट को छभ्च्ब् द्वारा संचालित किया जाता है। यह बांध गुरेज घाटी में झेलम की सहायक नदी किशनगंगा के पानी को बांदीपुरा तक एक 23.65 किलोमीटर लंबी सुरंग से लेकर जाएगा।

पाकिस्तान का आरोप था कि ऐसा करके भारत झेलम नदी के अपने जलग्रहण को बढ़ा रहा है और पाकिस्तान को अपने पानी के अधिकार से वंचित कर रहा है। पाकिस्तान भी उसी नदी के उसी तरफ नीलम झेलम प्रोजेक्ट बना रहा था। हालांकि यह प्रोजेक्ट भी 2008 में शुरू हुआ था लेकिन कई सालों की देरी के बाद इसके भी जुलाई 2018 में पूरे हो जाने की संभावना है।

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