PM मोदी: नए भारत में ‘सरनेम’ नहीं, युवाओं की ‘क्षमता’ महत्वपूर्ण

3611
page3news-prime minister narendra modi

नई दिल्ली:प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि नए भारत में ‘सरनेम’ (उपनाम) मायने नहीं रखता बल्कि अपना नाम बनाने की युवाओं की क्षमता मायने रखती है। शुक्रवार को उन्होंने यह भी कहा कि नए भारत में चीजें बेहतर के लिए बदल रही हैं और भ्रष्टाचार का कोई स्थान नहीं है। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि लोगों और संगठनों के बीच संवाद अवश्य होना चाहिए, भले ही उनके सोचने का तरीका कुछ भी हो। उन्होंने कहा, ‘हमें हर बात पर सहमत होने की जरूरत नहीं है, सार्वजनिक जीवन में इतनी सभ्यता होनी चाहिए कि विभिन्न विचारधाराओं के लोग एक दूसरे को सुन सकें।’

एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि

प्रधानमंत्री मोदी ने मलयालम मनोरमा के एक कार्यक्रम में वीडियो कॉन्फ्रेन्सिंग के जरिए अपने संबोधन में कहा कि यह नया भारत है जहां युवा का सरनेम मायने नहीं रखता, बल्कि अपना नाम बनाने की उसकी क्षमता मायने रखती है। यह नया भारत है जहां भ्रष्टाचार कोई विकल्प ही नहीं है। प्रधानमंत्री ने कहा कि लाइसेंस राज और परमिट राज की आर्थिक व्यवस्था लोगों की आकांक्षाओं में रुकावट का काम करती है लेकिन आज चीजें बेहतर के लिए बदल रही हैं। उन्होंने कहा कि हम विविधतापूर्ण स्टार्टअप इकोसिस्टम में न्यू इंडिया की भावना को देख रहे हैं।

आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती थी कि आप

मोदी ने कहा कि वर्षों तक ऐसी संस्कृति को आगे बढ़ाया गया जहां आकांक्षा एक बुरा शब्द बन गया। सरनेम और संपर्क के आधार पर दरवाजे खुलते थे। उन्होंने कहा, ‘आपकी सफलता इस बात पर निर्भर करती थी कि आप ‘ओल्ड बॉयज क्लब’ के सदस्य हैं या नहीं। बड़े शहर, बड़े संस्थान और बड़े परिवार… ये सभी मायने रखते थे।’ मोदी ने कहा कि आज स्थिति बदली है, हमारे युवा उद्यमिता की भावना का प्रदर्शन कर रहे हैं और शानदार मंच सृजित कर रहे हैं। हम यह भाव खेल के क्षेत्र में भी देख रहे हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत आज उन क्षेत्रों में भी आगे बढ़ रहा है जहां हम पहले मुश्किल से नजर आते थे। चाहे स्टार्टअप हो, खेल हो। उन्होंने कहा कि छोटे शहरों और गांव के युवा जो स्थापित परिवारों से नहीं आते, जिनके पास बड़ा बैंक बैलेंस नहीं है लेकिन उनके पास समर्पण और आकांक्षा है… वे अपनी आकांक्षाओं को उत्कृष्टता में बदल रहे हैं और भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह नए भारत की भावना है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि

मोदी ने कहा कि भारत एकमात्र ऐसा देश हैं जहां इतनी अधिक संख्या में भाषाएं बोली जाती हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि आज वह सुझाव देना चाहते हैं कि क्या हम इन भाषाओं का उपयोग एकता के लिए नहीं कर सकते? क्या मीडिया सेतु का काम कर सकता है और अलग-अलग भाषा बोलने वाले लोगों को करीब ला सकता है? यह इतना भी कठिन नहीं है जितना दिखता है। उन्होंने कहा कि आज लोग कहते हैं कि हम स्वच्छ भारत बनाकर रहेंगे। हम भारत को भ्रष्टाचार से मुक्त करके रहेंगे। हम सुशासन को एक जन आंदोलन बना कर रहेंगे। यह सब संभव हुआ है तो केवल दृढ़ इच्छाशक्ति के कारण हुआ है।

मोदी ने कहा कि अब आम लोग रेलवे स्टेशनों पर वाई फाई सुविधाओं का उपयोग करने लगे हैं। क्या कभी किसी ने सोचा था कि यह संभव हो पाएगा? सिस्टम भी वही है और लोग भी वही हैं। अंतर आया है तो केवल काम करने के तरीके में।

Leave a Reply