नई दिल्ली। न्यूयॉर्क टाइम्स से… ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में लगी भीषण आग ने इस ओर किसी का ध्यान नहीं आकृष्ट किया। आग से होने वाली क्षति पर तो लोगों ने चिंता व्यक्त लोगों ने जानमाल का तो नुकसान पर चिता व्यक्त की। एक अरब से ज्यादा जानवर मर गए हैं या उनकी जान खतरे में है। सिडनी यूनिवर्सिटी के ताजा आकलन में यह जानकारी सामने आई है। यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी बयान में प्रोफेसर क्रिस डिकमैन ने कहा है कि आग से जो नुकसान हुआ है, उसकी तुलना करना संभव नहीं है।इस अग्निकांड से जानवरों पर बहुत ज्यादा प्रभाव पड़ा है। फॉक्स न्यूज के मुताबिक दक्षिणी पूर्वी ऑस्ट्रेलिया में दो जंगली क्षेत्र में आग शुरू हुई थी, जो देखते ही देखते 15 लाख एकड़ के क्षेत्र में फैल गई है। इससे अब तक तीन हजार से ज्यादा घर ध्वस्त हो गए हैं और 26 लोगों की जान गई है।
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ऑस्ट्रेलियाई अपराधियों की सामूहिक मौत के आंकड़े इंटरनेट पर फिर से छा गए हैं, जिससे आशंका और शोक पैदा हो गया है। ऑस्ट्रेलिया के जंगलों में आग से एक अरब जानवरों की मौत, 15 लाख एकड़ के क्षेत्र में फैली चिंगारी सिडनी यूनिवर्सिटी के ताजा आकलन में यह जानकारी सामने आई है। यूनिवर्सिटी की तरफ से जारी बयान में प्रोफेसर क्रिस डिकमैन ने कहा है कि आग से जो नुकसान हुआ है उसकी तुलना करना संभव नहीं
जैव विविधता के विशेषज्ञों ने कहा है कि
जैव विविधता के विशेषज्ञों ने कहा है कि यह कई प्रजातियों के लिए खतरे की घंटी है। उनका कहना है कि 600,000 से 700,000 ऐसी प्रजातियां है जो पूरी दुनिया में कहीं नहीं पाई जाती। भीषण आग के कारण वह आज खतरे में है।
पश्चिमी सिडनी विश्वविद्यालय के एक जीवविज्ञानी केट उमर्स, जो ऑस्ट्रेलियाई अल्पाइन टिड्डी का अध्ययन करते हैं, विशेष रूप से देश की 250,000 कीट प्रजातियों के भाग्य के बारे में चिंतित हैं, जिनमें से केवल एक-तिहाई का नाम लिया गया है। इस सप्ताह के न्यूयॉर्क टाइम्स ने बताया, “मौजूदा आग का मौसम” मेरे जीवन में कभी भी अनुभव की गई किसी भी चीज़ से कहीं अधिक गहरा – गहरा, परेशान करने वाला है। “यह पारिस्थितिक अर्थों में वास्तव में काफी भयावह है।”