नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में लगातार बिगड़ रही आबोहवा से अब ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रेप) निपटेगा। पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने मंगलवार से इसे लागू करने की घोषणा कर दी है। यह प्लान 15 मार्च तक लागू रहेगा। इसमें चार अलग-अलग चरणों के तहत वायु प्रदूषण की विभिन्न परिस्थितियों से निपटने के प्रावधान हैं। साथ ही शादियों का मौसम सिर पर होने के बावजूद दिल्ली-एनसीआर में डीजल जेनरेटर के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लग जाएगा। प्रदूषण रहित जिग जैग तकनीक नहीं अपनाने वाले ईंट-भट्ठे भी बंद रहेंगे। प्रदूषण जांच केंद्रों को भी सख्ती बरतने के आदेश दे दिए गए हैं।
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हवा की दिशा में बदलाव के कारण एनसीआर की हवा खराब श्रेणी में चल रही है। अगले कुछ दिनों में यह खराब और बहुत खराब श्रेणी में पहुंच सकती है। सफर इंडिया और मौसम विभाग दोनों ने इस आशय का पूर्वानुमान भी जारी किया हुआ है। ईपीसीए ने दिल्ली, हरियाणा, उप्र और राजस्थान, सभी राज्यों को साफ कर दिया है कि इस बार ग्रेप के क्रियान्वयन में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी।
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने बताया कि
ईपीसीए की सदस्य सुनीता नारायण ने बताया कि डीजल जेनरेटर सेट पर प्रतिबंध को लेकर पहली बार दिल्ली के साथ-साथ गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत, पानीपत, बहादुरगढ़, गाजियाबाद, नोएडा और ग्रेटर नोएडा को शामिल किया गया है। आवश्यक सेवाओं के अलावा सभी जगह डीजल जेनरेटर सेटों के इस्तेमाल पर रोक रहेगी। हालांकि, एनसीआर के शहर इस बार भी पूरी तैयारी न होने के नाम पर छूट की मांग कर रहे हैं।
होटल, रेस्तरां और ढाबों में कोयला और लकड़ी जलाने पर भी रोक रहेगी। हॉट मिक्स प्लांट व स्टोन क्रशर पर धूल बैठाने वाले उपाय किए जाएंगे। वायु गुणवत्ता की स्थिति खराब होने से बचाने के लिए पानी के छिड़काव और मैकेनाइज स्वीपिंग जैसे उपाय भी पहले से उठाए जाएंगे।
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