नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाला अनुच्छेद-370 लगभग 70 साल बाद निरस्त हो गया है। राज्यसभा ने कल अनुच्छेद-370 की अधिकतर धाराओं को खत्म कर जम्मू-कश्मीर एवं लद्दाख को दो केंद्र शासित क्षेत्र बनाने संबंधी सरकार के दो संकल्पों को मंजूरी दे दी थी। आज लोकसभा में केंद्रीय गृहमंत्री ने इसे पेश कर दिया है। इस पर बहस चल रही है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह, भारतीय जनता पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा, संसदीय मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और नितिन गडकरी ने संसद में बैठक की।
राहुल ने चुप्पी तोड़ी
कभी भी राष्ट्रीय एकीकरण एकतरफा कार्रवाई के जरिए जम्मू-कश्मीर को तोड़कर, चुने हुए प्रतिनिधियों को कैद करके और संविधान का उल्लंघन करके नहीं किया गया है। यह देश अपने लोगों द्वारा बनाया गया है, न कि भूमि के टुकड़ों के द्वारा… विधायी शक्ति का इस तरह के दुरुपयोग से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है। देश लोगों से बनता है जमीन के टुकड़े से नहीं..
शाह ने यह दी दलील
लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संकल्प पेश करते हुए कहा कि भारत के राष्ट्रपति की घोषणा है कि उनके आदेश के बाद अनुच्छेद-370 के सभी प्रावधान जम्मू-कश्मीर में लागू नहीं होंगे। राज्यसभा के बाद इस विधेयक को यहां लाया गया है। जम्मू-कश्मीर का मसला राजनीतिक नहीं है। यह कानूनी विषय है। भारत के संविधान में बहुत साफ है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है। जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद-1 के सारे अनुच्छेद लागू हैं। इसके मुताबिक भारत सभी राज्यों का संघ है।