जयपुर:राजस्थान की राजधानी जयपुर सांप्रदायिक तनाव की दृष्टि से संवेदनशील होता जा रहा है। यहां बीते 20 दिन में पथराव की पांच घटनाएं सामने आ चुकी हैं। रात में छोटी-छोटी बातों पर शुरू हुआ विवाद सांप्रदायिक तनाव में बदल रहा है। जयपुर पुलिस आपसी तनाव कम करने के लिए मोहल्लों में बैठक कर रही है।
सांप्रदायिकता के बाद लग चुका है कर्फ्यू
जयपुर आमतौर पर बहुत शांत शहर रहा है। यहां के पुराने शहर की बसावट कुछ ऐसी है कि सभी समुदायों के मोहल्ले आपस में जुड़े हुए हैं। यहां सांप्रदायिक तनाव की बड़ी घटनाएं रामजन्म भूमि आंदोलन के समय हुई थीं। तब जयपुर में दो बार 15 से 20 दिन तक कर्फ्यू रहा था। इसके बाद से कभी-कभार छिटपुट घटनाओं को छोड़कर शांति रही। लेकिन, पिछले 20 दिन में पथराव की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं। 11 अगस्त को पुराने जयपुर शहर के सुभाष चौक इलाके में कांवड़ियों पर पथराव की पहली घटना हुई थी।
लगातार हो रही है पथराव की घटना
अगले ही दिन 12 अगस्त को ईदगाह इलाके में और 13 अगस्त को गंगापोल इलाके में पथराव हुआ। इन तीनों घटनाओं के वास्तविक कारण सामने नहीं आए, लेकिन इनसे जयपुर में तनाव की स्थिति बन गई। शहर के 15 थाना क्षेत्रों में दस दिन से ज्यादा धारा 144 लगी रही और करीब सप्ताह भर तक इंटरनेट पर रोक रही। इसके बाद जन्माष्टमी के दिन पुराने शहर में ही चांदपोल बाजार की एक गली में मटकी फोड़ कार्यक्रम के दौरान जेबकतरे को पकड़ने की बात पर पथराव हो गया। ताजा मामला रविवार रात का है। पुराने शहर से लगते मोती डूंगरी क्षेत्र में दोपहिया वाहन की पार्किंग का छोटा सा विवाद पथराव और तोड़फोड़ में बदल गया। मामले में आरोपित फरार बताए जा रहे है।
मोहल्ला समिति बना कर रही हैं बैठक
मोहल्ला समितियों का गठन कर बैठकें ली जा रही हैं। समितियों में सभी समुदायों के वरिष्ठ लोग शामिल हैं। छोटी घटनाओं के पथराव में बदलने से लगता है कि दोनों समुदायों के बीच आपसी समझ और विश्वास में कमी आई है। हम इस विश्वास को कायम करने का प्रयास कर रहे हैं।