देश के सबसे बड़े एयरपोर्ट से जुड़ेंगे Delhi-UP-हरियाणा, 50 लाख यात्रियों को होगा फायदा

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नई दिल्ली: वर्ष 2022 में शुरू होने वाला दुनिया का चौथा सबसे बड़ा जेवर एयरपोर्ट (Jewar Airport) दिल्ली समेत नौ शहरों से सीधा जुड़ेगा। आसपास के शहरों से जेवर एयरपोर्ट को सीधा जोड़ने के लिए मल्टीमोड ट्रांसपोर्ट सिस्टम की रूपरेखा तैयार की गई है। इसके लिए ट्रांसपोर्ट के तीन मॉडल को अपनाने पर विचार चल रहा है। उम्मीद की जा रही है निर्माण शुरू होने से पहले ही इस पर अंतिम निर्णय ले लिया जाएगा।

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दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के जेवर क्षेत्र में बन रहा यह अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट देश का सबसे बड़ा और दुनिया का चौथा सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। उम्मीद की जा रही है इस एयरपोर्ट के पूरी तरह से शुरू होने पर ये देश का सबेस व्यस्त और दुनिया के व्यस्ततम एयरपोर्ट में भी शामिल हो सकता है। अभी दिल्ली का इंदिरा गांधी इंटरनेशनल (IGI) एयरपोर्ट, देश का सबसे व्यस्त एयरपोर्ट है।

जेवर एयरपोर्ट और दिल्ली एयरपोर्ट, दोनों एनसीआर के सबसे महत्वपूर्ण एयरपोर्ट होंगे। लिहाजा इन्हें आपस में जोड़ने पर सबसे ज्यादा जोर दिया जा रहा है। जेवर एयरपोर्ट की फिजिबिल्टी रिपोर्ट में भी बताया गया है कि यहां आने वाले यात्रियों में सबसे ज्यादा लोग दिल्ली के बाद नोएडा, गुड़गांव, गाजियाबाद, फरीदाबाद, आगरा व अलीगढ़ आदि कुछ शहरों के होंगे। फिजिबिल्टी रिपोर्ट में सबसे ज्यादा यात्री दिल्ली-एनसीआर से होने की बात कही गई है।

एयरपोर्ट शुरू होने से पहले अन्य शहरों से जुड़ेगा

फिजिबिल्टी रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि एयरपोर्ट शुरू होने के एक साल के अंदर ही यहां से यात्रा करने वाले सालाना यात्रियों की संख्या 50 लाख तक पहुंचने का अनुमान है। इसलिए इन शहरों को जेवर एयरपोर्ट से सीधा जोड़ने पर विचार चल रहा है। जेवर एयरपोर्ट शुरू होने से पहले ही इसे अन्य शहरों से जोड़ने की कवायद चल रही है। इसके लिए अध्ययन कर रही एजेंसी ने यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। प्राधिकरण रिपोर्ट का अध्ययन कर रहा है। इसके बाद इसे राज्य सरकार को भेजा जाएगा। सरकार से रिपोर्ट पर मंजूरी मिलते ही इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा।

इसलिए IGI एयरपोर्ट से जोड़ने की है जरूरत

जेवर एयरपोर्ट के लिए तैयार की गई फिजिबिल्टी रिपोर्ट के मुताबिक अभी दिल्ली के IGI एयरपोर्ट पर आने वाले कुल यात्रियों में से 57.52 फीसद यात्री दिल्ली के होते हैं। इसके बाद दिल्ली से सटे उत्तर प्रदेश से लगभग 12 फीसद यात्री दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचते हैं। वहीं एनसीआर के शहरों से दिल्ली एयरपोर्ट पहुंचने वाले कुल यात्रियों में से 5.71 फीसद यात्री नोएडा-ग्रेटर नोएडा के होते हैं। इन यात्रियों को जेवर एयरपोर्ट पहुंचने में किसी तरह की परेशानी न हो और ये यात्री कम समय में एक एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट पहुंच सकें, इसके लिए दिल्ली के IGI एयरपोर्ट से जेवर एयरपोर्ट को सीधा जोड़ा जाना जरूरी है। इससे दिल्ली एयरपोर्ट का लोड भी कम होगा।

डायरेक्ट कनेक्टिविटी के ये हैं तीन मॉडल

जेवर एयरपोर्ट को दिल्ली के IGI एयरपोर्ट व बाकी इलाकों समेत आसपास के नौ अन्य शहरों से सीधे जोड़ने का प्रस्ताव तो है, लेकिन इसे मूर्त रूप देना इतना आसान नहीं है। लिहाजा यमुना एक्सप्रेस-वे प्राधिकरण बेहतर कनेक्टिविटी के लिए परिवहन के तीन मॉडल पर विचार कर रहा है। ये तीन मॉडल मेट्रो ट्रेन, रैपिड ट्रेन या लग्जरी बस हो सकती है। मतलब जेवर एयरपोर्ट को अन्य शहरों से सीधा जोड़ने के लिए सड़क मार्ग और मेट्रो दोनों विकल्पों पर विचार किया जा रहा है।

15 मिनट में तय होगी यूपी-हरियाणा की दूरी

जेवर एयरपोर्ट को अन्य शहरों से जोड़ने के लिये नोएडा के सेक्टर 150 व 168 में यमुना नदी पर दो नए पुल बनाया जाना भी प्रस्तावित है। इससे यूपी-हरियाणा के बीच की दूरी मात्र 15 मिनट की हो जाएगी। इन दो नए पुल के जरिए हरियाणा से जेवर एयरपोर्ट आने वाले ट्रैफिक को बाहर-बाहर ही लाया जाएगा। इस कॉरिडोर पर आने वाले वाहन चालकों को दिल्ली के जाम का सामना नहीं करना पड़ेगा। यमुना पर बनने वाले दोनों नए पुलों के निर्माण में लगभग 900 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। इसके लिए पीपीपी मॉडल का इस्तेमाल किया जा सकता है, जिसके लिए वाहन चालकों से टोल टैक्स वसूला जाएगा।

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