चीन के हुबेई में फंसे केरल के 15 छात्र कोच्चि पहुंचे, थर्मल जांच के बाद अलग वार्ड में कराए गए भर्ती

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कोच्चि। चीन में तेजी से फैल रहे घातक कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए दुनिया के मुल्‍कों ने अपने नागरिकों को निकालने शुरू कर दिए हैं। भारत ने भी चीन में बचे अपने नागरिकों को निकालने की प्रक्रिया तेज कर दी है। इसी कवायद के तहत चीन के हुबेई प्रांत में फंसे केरल के 15 छात्र कोचीन स्थित अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डा पहुंचे। स्‍थानीय अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि इन छात्रों की थर्मल स्‍क्रीनिंग की गई ताकि पता लगाया जा सके कि वे कहीं कोरोना वायरस से संक्रमित तो नहीं हैं।

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अधिकारियों ने बताया कि

अधिकारियों ने बताया कि छात्र कुनमिंग हवाईअड्डे से बैंकॉक पहुंचे जिनको एयर एशिया के विमान से यहां लाया गया। थर्मल जांच के बाद छात्रों को एम्बुलेंस से सीधे कलमस्सेरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया जहां उन्‍हें अलग वार्ड में भर्ती कराया गया है। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रों के रिश्तेदार हवाईअड्डे पर उनसे मिलने पहुंचे थे लेकिन उन्हें छात्रों से मिलने नहीं दिया गया।

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को राज्‍यसभा में बताया था कि

बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को राज्‍यसभा में बताया था कि अभी भी 80 भारतीय छात्र वुहान में हैं। इसमें वे दस छात्र भी शामिल हैं जिन्हें बुखार होने के चलते चीनी प्रशासन ने वुहान छोड़ने की अनुमति नहीं दी थी। वहीं 70 अन्य भारतीय छात्रों ने एयर इंडिया के दो विमानों से देश लौटने से इन्कार कर दिया है। विदेश मंत्री ने यह भी बताया कि भारतीय दूतावास इन सभी छात्रों के संपर्क में है और उनकी हालात पर नजर बनाए हुए है।

वहीं केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने राज्यसभा में शुक्रवार को बताया कि कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार ने सतर्कता और बढ़ा दी है। चीन से आने वाले हर व्यक्ति की जांच की जा रही है। देश के 21 एयरपोर्टों और 12 बड़े बंदरगाहों पर यात्रियों की थर्मल स्क्रीनिंग की जा रही है। यही नहीं सरकार ने बंदरगाहों पर एन-95 मास्क रखने और क्वारंटाइन सेंटर बनाने के भी निर्देश जारी किए हैं। चीन से आने वाले विदेशी नागरिकों के वीजा को रद कर दिया गया है और पूरे हालात पर प्रधानमंत्री कार्यालय खुद नजर रख रहा है।

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