नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट की पांच जजों वाली संविधान पीठ ने अपना फैसला सुनाया। कोर्ट ने अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के केंद्र के फैसले की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं को बड़ी पीठ के पास भेजे जाने से इनकार कर दिया।
न्यायमूर्ति एन वी रमना की अध्यक्षता वाली पांच-न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने 23 जनवरी को इस मुद्दे पर अपना आदेश सुरक्षित रखा था। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि इस केस की सुनवाई करने के बाद अब हम इस पर विचार करेंगे कि इस मामले को कहां भेजना है।
जम्मूकश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीमकोर्ट की पांच जजों की पीठ ही करेगी सुनवाई। कोर्ट ने आज सुनाए फैसले में मामला 7 जजों की बड़ी पीठ को भेजने की मांग ठुकराई।कहा पूर्व फैसलों में विरोधाभास नहीं है इसलिए 5 जजों की पीठ ही सुनवाई करेगी।@JagranNews
बता दें कि केंद्र ने पांच अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाने का फैसला किया था। फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं के जवाब में केंद्र सरकार ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर के हालात में बदलाव के लिए अनुच्छेद 370 हटाना ही एकमात्र विकल्प था। इस अनुच्छेद को हटाए जाने के बाद से जम्मू-कश्मीर की स्थिति में लगातार सुधार हो रहा है और भविष्य में भी यह बरकरार रहने की उम्मीद है।
खत्म किया विशेष राज्य का दर्जा
पिछले साल 5 अगस्त को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने का फैसला किया था। इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में तब्दील कर दिया था। इसके बाद अनुच्छेद 370 हटाए जाने की संवैधानिक वैधता को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।