Monsoon Session of Parliament: ओम बिरला ने बुलाई सर्वदलीय बैठक

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नई दिल्‍ली। Monsoon Session of Parliament:  संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से शुरू होने वाला है। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शनिवार को संसद के मानसून सत्र से पहले सर्वदलीय बैठक बुलाई। बैठक संसद में हुई जिसमें कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने भाग लिया। बैठक में लोकसभा अध्यक्ष ने सभी दलों से सदन की कार्यवाही को सुचारू रूप से चलाने में सहयोग करने की अपील की। सूत्रों के मुताबिक बैठक में उठाए जाने वाले मुद्दों और उन पर समय दिए जाने को लेकर चर्चा हुई।

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मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में 18 बैठकें होंगी जिसमें 24 विधेयक पेश

मालूम हो कि संसद के मानसून सत्र (Monsoon Session of Parliament) के दौरान दोनों सदनों में 18 बैठकें होंगी जिसमें 24 विधेयक पेश किए जा सकते हैं। सत्र के पहले दिन राष्ट्रपति चुनाव है। सरकार की ओर से पेश किए जाने वाले विधेयकों में छावनी विधेयक, बहु राज्य सहकारी समितियां (संशोधन) विधेयक और दिवाला एवं दिवालियापन संहिता (संशोधन) विधेयक शामिल हैं।

लोकसभा सचिवालय की तरफ से जारी बुलेटिन के अनुसार छावनी विधेयक में देशभर में छावनी क्षेत्रों में नगर पालिकाओं के साथ तालमेल बिठाते हुए अधिक से अधिक विकासात्मक उद्देश्यों को प्राप्त करने और जीवन को सुगम बनाने का प्रविधान है।

एक दिन पहले शुक्रवार को लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने संसद भवन में आयोजित पीठासीन अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता की। इसमें यह निर्णय लिया गया कि दल बदल विरोधी कानून को मजबूत करने के लिए पीठासीन अधिकारियों, संवैधानिक विशेषज्ञों और अन्य सभी हित धारकों के साथ विचार-विमर्श किया जाएगा। बैठक में राज्यसभा के उपसभापति और 17 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के पीठासीन अधिकारियों ने भाग लिया।

संसद का मानसून सत्र उचित कोविड प्रोटोकाल के साथ आयोजित

इस बीच एक आधिकारिक बुलेटिन में कहा गया है कि संसद का मानसून सत्र उचित कोविड प्रोटोकाल के साथ आयोजित किया जाएगा। लोकसभा सचिवालय ने सदस्यों से अपना पूर्ण टीकाकरण सुनिश्चित करने को कहा है। इसके साथ ही सदस्‍यों को हर समय फेस मास्क पहनने की सलाह दी गई है। वहीं कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी को देखते हुए संसद के सेंट्रल हाल में प्रवेश पर प्रतिबंधों में ढील देने का निर्णय लिया गया है।

कोरोना की दूसरी लहर के बाद संसद भवन के सेंट्रल हाल में प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक लोकसभा की ओर से जारी बुलेटिन में कहा गया है कि कोरोना के मामलों में कमी और विभिन्न सार्वजनिक सुविधाओं तक पहुंच में छूट के मद्देनजर, यह निर्णय लिया गया है कि राज्यपालों, मुख्यमंत्रियों, राज्य सरकारों के मंत्रियों और पूर्व सांसदों को सेंट्रल हाल में जाने की अनुमति रहेगी।

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