Mahua Moitra : दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को लोकसभा से निष्कासित टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को सरकारी आवास में रहने की इजाजत के लिए संपदा निदेशालय जाने को कहा है। जस्टिस सुब्रमण्यन प्रसाद ने कहा कि नियमों के तहत किसी रहवासी को एक निश्चित समय के बाद भी सरकारी आवास में रहने की अनुमति दी जा सकती है। कोर्ट ने महुआ मोइत्रा से कहा कि वह संपदा निदेशालय में याचिका दायर करें, वहां कानून के मुताबिक कार्रवाई होगी।
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कोर्ट ने महुआ मोइत्रा को याचिका वापस लेने की दी अनुमति
कोर्ट ने महुआ मोइत्रा (Mahua Moitra) को अपनी याचिका वापस लेने की अनुमति दे दी। साथ ही कहा कि किसी भी रहवासी से आवास खाली कराने से पहले उसे नोटिस देना जरूरी है।
अपनी याचिका में महुआ मोइत्रा ने अपील की थी कि संपदा निदेशालय के 11 दिसंबर के आदेश पर रोक लगे और 2024 के लोकसभा चुनाव तक उन्हें सरकारी आवास में रहने की अनुमति दी जाए। बता दें कि सांसदों को सरकारी आवास सरकार के संपदा निदेशालय द्वारा ही आवंटित किए जाते हैं।
इस मामले में गई महुआ मोइत्रा की संसद सदस्यता
टीएमसी नेता महुआ मोइत्रा को अनैतिक आचरण का दोषी मानते हुए बीती 8 दिसंबर 2023 को लोकसभा से निष्कासित कर दिया गया था। महुआ मोइत्रा पर आरोप है कि उन्होंने उद्योगपति दर्शन हीरानंदानी से संसद में सवाल पूछने के बदले महंगे गिफ्ट लिए और साथ ही उद्योगपति के साथ अपने संसदीय लॉगइन और पासवर्ड भी साझा किए।
संसद की आचरण संबंधी समिति की रिपोर्ट के आधार पर टीएमसी नेता को संसद सदस्यता से निष्कासित कर दिया गया था। महुआ मोइत्रा ने अपने निष्कासन को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी हुई है।
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