गोरखपुर, भारत में प्याज की कमी के कारण भारत सरकार द्वारा प्याज के निर्यात पर रोक लगाए जाने के बाद तस्करों ने नेपाल प्याज भेजने का नया रास्ता खोज लिया है। भारत सरकार ने पिछले दिनों प्याज के निर्यात पर रोक लगा दी थी। इस तरह के रोक पर भी सामान्यतया नेपाल में जरूरी सामानों की सप्लाई होती रहती है लेकिन इस रोक के बाद सोनौली बार्डर से अधिकारियों ने प्याज लदे ट्रकों को वापस कर दिया था।
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प्याज तस्करों ने रास्ता बदला, अब ऐसे पास हो रहा है ट्रक
रोक लगने के बाद भारत-नेपाल सीमा से सटे महराजगंज जिले के ठूठीबारी बार्डर से प्याज लदी ट्रकें नेपाल भेजी जा रही हैं। हालांकि संबंधित अधिकारियों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इंकार किया है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक नेपाल सीमा में प्रवेश के बाद महेशपुर से भंसार कराकर नेपाल के विभिन्न शहरों के लिए प्याज लदे ट्रक रवाना हुए। नेपाल के अधिकारियों ने इन ट्रकों को नहीं रोका।
बार्डर से वापस किए गए थे प्याज लदे ट्रक
प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगाए जाने के बाद सोनौली बार्डर पर प्याज लदे दर्जनों ट्रकों का रेला पहुंचा था। जांच-पड़ताल के बाद अधिकारियों ने इन ट्रकों को वापस कर दिया था। इसके बाद ट्रकों का रेला नेपाल के महेशपुर बड़ी भंसार में कस्टम कराकर नेपाल के पोखरा, पाल्पा, काठमांडू, चितवन, नारायण घाट सहित विभिन्न शहरों के लिए निकला।
नेपाल में तीन सौ रुपये किलो बिक रही है प्याज
भारत द्वारा प्याज की सप्लाई रोके जाने के बाद नेपाल में प्याज 250 से लेकर 300 रुपये प्रति किलो बिक रही है।
नेपाल भी लगा चुका है भारत के कई सामानों पर प्रतिबंध
इसके पहले नेपाल भी कई भारतीय सामानों पर प्रतिबंध लगा चुका है। भारतीय फल, सब्जियों पर रोक के बाद नेपाल ने दशहरा के ठीक पहले भारत के भेड़ बकरियों पर नेपाल ने रोक लगा दी थी। नेपाल में दशहरा पर पशुओं की बलि दी जाती है और इसके लिए नेपाल हर साल भारत से बड़ी संख्या में भेड़ बकरियां मंगाता है।
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