Delhi Assembly : मणिपुर हिंसा पर बहस के दौरान BJP के चार विधायक मार्शल आउट

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नई दिल्ली। Delhi Assembly : दिल्ली विधानसभा के विशेष सत्र का आज दूसरा दिन है। विशेष उल्लेख (नियम संख्या 280) के तहत विधानसभा सत्र की कार्यवाही शुरू की गई। आज सदन में बोलने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल भी पहुंचे हैं। दिल्ली में विपक्ष ही नहीं, सत्ता पक्ष के विधायक भी अपने विधानसभा क्षेत्र में बुनियादी समस्याओं से खासे परेशान हैं। विधायक आज दूसरे दिन भी अपने क्षेत्र की समस्याएं सदन में उठा रहे हैं। साथ ही विधानसभा की कार्यवाही एक दिन के लिए बढ़ाई गई है। अब शुक्रवार को भी सदन चलेगा। इससे पहले सत्र में पहले दिन यानी बुधवार को पानी को लेकर सत्ता पक्ष और विपक्ष में खासी तकरार देखने को मिली।

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विपक्ष के चार विधायकों को किया मार्शल आउट

मार्शल आउट होने के बाद भाजपा विधायक अभय वर्मा ने कहा, यह विधानसभा दिल्ली के विषयों की चर्चा के लिए है लेकिन अरविंद केजरीवाल मणिपुर का विषय लेकर आ रहे हैं। दिल्ली की जनता पानी, सीवर लाइन के जाम से त्रस्त है, यमुना नदी गंदी से। दिल्ली से जुड़े कई मुद्दे हैं जिस पर वे (दिल्ली सरकार) चर्चा नहीं कराना चाहती। नीयम 55 के तहत मैं ‘शीश महल’ पर चर्चा कराना चाहता था लेकिन इस पर चर्चा कराना उचित नहीं समझा गया।

इस मुद्दे पर नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा, दिल्ली विधानसभा (Delhi Assembly) में सिर्फ दिल्ली से जुड़े मुद्दों पर ही चर्चा हो सकती है। संसद में मणिपुर पर चर्चा हो चुकी है। वे चर्चा से भाग रहे हैं। जब हम दिल्ली के मुद्दे उठाते हैं तो वे (आप) हमें बाहर निकाल देते हैं।

आज की कार्यवाही का अपडेट (Delhi Assembly)

संजीव झा- अपनी अनाधिकृत कॉलोनी केशव नगर (बुराड़ी) में कई लोगों के पास कन्वेंस डीड होने के बावजूद डीडीए ने वहां बुलडोजर चलाया। इस पर एलजी साहब संज्ञान लें।

जरनैल सिंह – स्कूलों में EWS के कोटे में धांधली चल रही। लिस्ट में नाम आने के बाद भी नहीं मिल रहा दाखिला। शिक्षा मंत्री इस पर ध्यान दें।

राजेश ऋषि – कोचिंग सेंटरों और ओयो होटल बिना फायर एनओसी के ही चल रहे हैं। पता नहीं एमसीडी इनको लाइसेंस कैसे दे देती है? अब एमसीडी इन्हें नोटिस देकर जवाब मांग रहे हैं। सवाल यह है कि बिना लाइसेंस ये खुल कैसे गए? एमसीडी इसके लिए एक कमेटी बनाए।

अजय महावर – मेरे विस् क्षेत्र में दो गांव हैं। एक गढ़ी मांडू और उस्मानपुर। दोनों ओ जोन में हैं। हजारों लोग रहते हैं। अगर वहां साढ़े तीन से चार किमी का बांध बना दिया जाए। इससे परेशानी खत्म हो सकेगी।

मुकेश अहलावत – मेरे विधानसभा क्षेत्र में 12 साल से एक पल बन रहा है। सभी वहां फैली अव्यवस्था से परेशान हैं। इस हालत में सुधार के निर्देश दिए जाएं।

ऋतुराज – किराड़ी में एक भी अस्पताल नहीं। वहीं, संजय गांधी अस्पताल की हालत खस्ताहाल है।

मैं आवाज ही उठा सकता हूं और मैं कर भी क्या सकता हूं।

विजेंद्र गुप्ता – नई बुजुर्ग पेंशन नहीं बन रही। पांच साल से बंद है यह पेंशन। लोग आर्थिक रूप से परेशान, 75 हजार करोड़ के बजट का दावा करने वाली सरकार के पास एक कौड़ी नहीं। एक हेल्प डेस्क भी बनाई जानी चाहिए। संभव हो तो हर विधायक कार्यालय में यह हेल्प डेस्क हो।

अब्दुल रहमान- स्कूल की समस्या को लेकर ढाई साल हो गए, स्कूल का भवन नहीं बन रहा। बच्चे परेशान हैं। आठ सौ मीटर दूर जाना पड़ता है।

अभय वर्मा – रोड कटिंग से सड़कों की हालत खराब। लक्ष्मी नगर में तैंतीस सड़कों की स्कीम जमा कराई। लेकिन सड़क का निर्माण शुरू नहीं हुआ।

राजेन्द्र पाल गौतम- अस्पताल की समस्या। मशीनें काम नहीं कर रही। चाचा नेहरू, राजीव गांधी, दिल्ली कैंसर अस्पताल। मरीज परेशान।

बंदना कुमारी- शालीमार बाग में यातायात जाम की समस्या।

अनिल कुमार बाजपेयी- गांधी नगर में दमकल केंद्र नहीं है।

राजेश गुप्ता- टीपीडीडीएल हमारे इलाकों में स्ट्रीट लाइटें दुरुस्त कराएं।

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