नगर पंचायत लालकुआं के अनुसूचित होने से जहां भाजपा में दो दावेदारों के बीच खींचतान शुरू हो गई है वहीं कांग्रेस मजबूत प्रत्याशी को ढूंढ़ने में लग गई है। कुल मिलाकर लालकुआं में जहां भाजपा टिकट को लेकर खेमों में बंटती नजर आ रही है वहीं कांग्रेस मजबूत दावेदार के इंतजार में खड़ी है। नगर पंचायत बनने के बाद पहली बार आरक्षित हुई लालकुआं सीट को लेकर कही खुशी कही गम का माहौल पैदा हो गया है।
सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को लगा जोर का झटका
पिछले पांच वर्ष से नगर पंचायत के चुनावों की तैयारी कर रहे सामान्य वर्ग के प्रत्याशियों को जहां जोर का झटका धीरे से लगा है वहीं अनुसूचित जाति के जनप्रतिनिधि अचानक सुर्खियों में आ गए हैं। सीट के अनुसूचित होने से कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व को दावेदारों की फौज से प्रत्याशी की छटनी करने के झंझट से मुक्ति मिलने के साथ ही चुनाव में गुटबाजी होने की संभावना भी पूरी तरह समाप्त हो गई है। इधर भाजपा में अनुसूचित जाति के दो जनप्रतिनिधियों द्वारा प्रबल दावेदारी करने से शीर्ष नेतृत्व को परेशानी में डाल दिया है।
भाजपा से सभासद अरुण प्रकाश व पूर्व सभासद लालचंद्र दावेदारी कर रहे हैं। जिसमें अरुण प्रकाश को वित्त मंत्री प्रकाश पंत का करीबी माना जाता है जबकि लाल चंद्र को विधायक नवीन दुम्का का करीबी। सूत्रों के अनुसार दोनों जनप्रतिनिधियों ने टिकट दिलाने के लिए जोर आजमाइश शुरू कर दी है। ऐसे में चुनावों में भी भाजपा में दो गुट होने के पूरे आसार बन रहे हैं। वहीं दावेदार भी अपनी गोटी फिट करने में जुट गए हैं।