सुंदरखाल समेत आठ वन ग्रामों में विद्युतीकरण की मांग कर रहे ग्रामीणों के सब्र आखिर टूट ही गया। डीएफओ दफ्तर में बैठक के दौरान ग्रामीणों ने जमकर हंगामा किया। उन्हों ने कहा कि डीएफओ की तानाशाही के कारण उन्हें बिजली से वंचित रहना पड़ रहा है। जबकि विद्युतीकरण के लिए शासन से पैसा भी आ चुका है। उन्होंने एक सप्ताह के भीतर समस्या का हल नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
मंगलवार को वन ग्राम विकास समिति के बैनर तले दर्जनों ग्रामीण रामनगर वन प्रभाग की डीएफओ नेहा वर्मा के कार्यालय में पहुंचे। इस दौरान डीएफओ और ग्रामीणों के बीच दो घंटे तक विद्युतीकरण को लेकर वार्ता चली। ग्रामीणों ने बताया कि शासन ने सुंदरखाल, आमडंडा खत्ता, रिंगोड़ा में विद्युतीकरण के लिए पैसा स्वीकृत कर दिया है। जिसके क्रम में सुंदरखाल में विद्युत विभाग ने 150 बिजली के पोल लगा दिए थे। लेकिन डीएफओ ने इस पर आपत्ति लगा दी।
ग्रामीण वर्षो से कर रहे हैं बिजली की मांग
डीएफओ नेहा वर्मा ने जैसे ही लाइन ट्रांसफर न होने की बात कही। वैसे ही ग्रामीण भड़क उठे। उन्होंने बिना लाइन ट्रांसफर के विद्युतीकरण की मांग की। कहा कि ग्रामीण वर्षो से बिजली की मांग कर रहे हैं। अब बिजली आई तो डीएफओ ने रोक लगा दी है। बैठक समाप्त होने के बाद ग्रामीणों ने विद्युत विभाग के ईई विवेक कांडपाल का भी घेराव किया।
समिति के अध्यक्ष एसलाल ने बताया कि एक सप्ताह के भीतर उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो सीतावनी जोन को पूर्णतः बंद किया जाएगा। इस दौरान चंदन राम, गिरीश चंद्र, संजय कुमार, खुशाली राम, गौरा देवी, हेमा टम्टा, ललित कडाकोटी, देवेंद्र सिंह, मो. ताहिर, बिहारी लाल समेत कई मौजूद रहे।