बैंक कर्मियों की हड़ताल से पूरी तरह कामकाज ठप

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मंगलवार को ग्रामीण बैंकों की हड़ताल के चलते जिले के बैंक कर्मचारी दूसरे दिन भी अपनी पांच सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर रहे। जिसके चलते बैंक में पूरी तरह कामकाज ठप रहा। जिस कारण दूरदराज से आए लोगों को खासी परेशानी उठानी पड़ी। बैंक बंद होने से 50 करोड़ से अधिक का करोबार प्रभावित रहा।

उत्तराखंड ग्रामीण बैंक के कर्मचारी क्षेत्रीय कार्यालय सिमलगैर में एकत्रित हुए। यहां उन्होंने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारे लगाकर धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद उन्होंने धरना स्थल पर सभा की। संगठन के सचिव विजय सिंह भंडारी ने कहा कि कर्मचारी लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर हड़ताल करते आ रहे हैं। इसके बावजूद भी उनकी मांगों को अमल में नहीं लाया जा रहा है। जिस कारण उन्हें लेखाबंदी से समय मजबूरी में हड़ताल पर जाना पड़ रहा है। बैंक कर्मियों की हड़ताल से पिथौरागढ़ 30 अैर चंपावत की 8 शाखाओं में लेने देन का काम नहीं हो सका। जिससे 50 करोड़ से अधिक का कारोबार प्रभावित हुआ। साथ ही बैंक में आने वाले लोगों को भी खासी परेशानी उठानी पड़ी। जिससे लोगों में खासा आक्रोश है।

वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड ग्रामीण बैंक की स्थापना वर्ष 1975-76 में हुई थी। तब से बैंक कर्मी बिना किसी सुविधाओं के तन-मन से अपनी सेवा दे रहे हैं। कहा कि भारत सरकार द्वारा समय-समय पर की जा रही घोषणाओं को पूरा किया जा रहा है। लेकिन प्रदेश सरकार उनकी उचित मांगों पर कोई ध्यान नहीं दे रही है। उन्होंने कहा कि 30-32 साल तक बैंक को अपनी सेवा देने वाले बैंक अधिकारियों और कर्मचारियों को 1800 से 2000रुपये तक का ही पेंशन दिया जा रहा है।

मृतक आश्रितों की हितों की अनदेखी का लगाया आरोप

वक्ताओं ने कहा कि पेंशन संबंधी केस राजस्थान और इलाहाबाद कोर्ट द्वारा अन्य बैंकों के समान पेंशन दिए जाने का प्रस्ताव पास किया जा चुका है। इसके बाद भी भारत सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में अपना हलफनामा न दिए जाने के कारण पेंशन मामला दिन-प्रतिदिन टाला जा रहा है। जिससे उनमें तथा उनके परिवारों में असंतोष है। साथ ही अधिकारी और कर्मचारियों के मृतक आश्रितों के संबंध में वर्ष 2014 जो रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी, वह भी उचित नहीं है। जिससे उनके मृतक आश्रित के परिवार से किसी को भी नौकरी भी दी जा रही है। जिससे उन्हें परिवार के भरण पोषण में खासी परेशानी उठानी पड़ रही है। इस दौरान उन्होंने शीघ्र बैंक कर्मियों की मांग पूरी नहीं होने पर उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है।

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