पशु के बिना मानव स्वास्थ्य की परिकल्पना निरर्थक: बालकृष्ण

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पतंजलि योगपीठ में आयोजित त्रिदिवसीय किसान सेवा केंद्र शिविर के समापन पर पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास के अध्यक्ष आचार्य बालकृष्ण महाराज ने कहा कि पशु के बिना मानव स्वास्थ्य की परिकल्पना निरर्थक है। बाजार में मिलने वाले अधिकतर पशु आहार के सेवन से पशुओं में ऊर्जा और शक्ति का क्षय होता है। जिससे पशु पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। उन्होंने कहा कि विश्व में बढ़ती जनसंख्या, मौसम की अनिश्चितता तथा समय से पहले ज्यादा उत्पादन के लालच में किसानों ने रासायनिक उर्वरकों, कीटनाशकों हार्मोन आदि का प्रयोग शुरू कर दिया। इसका दुष्परिणाम यह हुआ कि किसान की उपजाऊ भूमि बंजर हो रही है।

भारतीय संस्कृति में गोमाता का महत्वपूर्ण स्थान

इस अवसर पर योगगुरु बाबा रामदेव ने कहा कि भारतीय संस्कृति में गोमाता का महत्वपूर्ण स्थान है। लेकिन खनिज लवणों व विटामिन की कमी यूरिया मिश्रित मिलावटी पशु आहार से हमारी लाखों गाय और भैंस बांझपन का शिकार हो चुकी हैं। उन्होंने कहा कि पतंजलि पशुपालकों से शुद्ध व ताजा दूध संकलित कर देश के उपभोक्ताओं को न्यूनतम मूल्यों पर उपलब्ध कराएगी।

इन्हीं सब बिंदुओं पर केंद्रित होकर पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास ने ठोस पहल करते हुए पशुपोषण व पशुओं के स्वास्थ्य और जैविक कृषि के लिए आंदोलन चलाया है। इस मौके पर पतंजलि ग्रामोद्योग न्यास के महामंत्री डॉ. यशदेव शास्त्री ने कहा कि पशुपालन और कृषि एक-दूसरे के पूरक हैं।

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