केजरीवाल की नई योजना का लाभ नहीं मिलेगा दिल्ली की आधी आबादी को

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नई दिल्ली: दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी  सरकार ने दिल्ली में भले ही ‘200 यूनिट तक बिजली खर्च करने पर अब कोई बिल नहीं आएगा’ का प्रावधान लागू कर दिया हो, लेकिन इसका फायदा दिल्ली में रह रहे लाखों किरायेदारों को नहीं होगा। जिनकी दिल्ली में आधी आबादी है यानी आधी दिल्ली मुफ्त बिजली योजना से महरूम रह जाएगी। इसके पीछे सबसे बड़ी और अहम वजह तो यही है कि किरायेदारों को भी अलग से बिजली कनेक्शन देने की व्यवस्था दिल्ली सरकार नहीं पाई है। यह अलग बात है कि इसका वादा सरकार ने दो साल पहले किया था।

200 यूनिट बिजली का लाभ सिर्फ कनेक्शन वालों को

एक अगस्त को जब दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने 200 यूनिट तक बिजली बिल मुफ्त करने का एलान किया, तभी यह सवाल लोगों के जेहन में आया था कि क्या इसका लाभ किरायेदारों को मिलेगा। अब यह स्पस्ट हो गया है कि 200 यूनिट तक बिजली बिल मुफ्त स्कीम का लाभ सिर्फ बिजली कनेक्शन लेने वालों को ही मिलेगा और  किरायेदारों पहले ही तरह ही बिजली बिल अदा करना होगा।

दिल्ली सरकार ने नहीं किया वादा पूरा

दरअसल, दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी सरकार ने 2 साल पहले ही यह वादा किया था कि किरायेदारों को भी अलग से बिजली कनेक्शन देने का काम किया जाएगा। सालों बाद भी दिल्ली सरकार अपने इस दावे पर एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। इसके अभाव में फिलहाल किरायेदारों को प्रति यूनिट बिजली बिल का भुगतान करना पड़ता है और यह आगे भी होता रहेगा।

इस तरह होगा किरायेदारों का नुकसान

अलग से बिजली कनेक्शन नहीं होने की स्थिति में किरायेदारों को 7 से 9 रुपये प्रति यूनिट का भुगतान मकान मालिक को करना होता है। सच तो यह है कि दिल्ली में 200 यूनिट तक बिजली दरें 3 रुपये और 201 से 400 यूनिट तक भुगतान राशि 4.50 रुपये है। जाहिर ऐसे में किरायेदारों को सरकार की घोषणा/योजनाओं को कोई लाभ नहीं मिल पाता।

यहां पर बता दें कि दिल्ली में 14 लाख से अधिक बिजली उपभोक्ता ऐसे हैं जो 201 से लेकर 400 यूनिट तक बिजली खर्च करते हैं। अभी 201 से 400 यूनिट तक बिजली प्रयोग करने वाले उपभोक्ताओं को प्रति यूनिट की दरों पर 50 फीसद सब्सिडी मिलती थी। इस स्लैब में दरें 4.50 रुपये/यूनिट है। सब्सिडी के बाद 2.25 रुपये/यूनिट देने पड़ते हैं। नई व्यवस्था में अधिकतम राशि तय की गई है।

सब मीटर से भी नहीं मिलता कोई लाभ

दिल्ली में ज्यादातर मकान मालिकों ने पारदर्शिता के लिहाज से भी किरायेदारों के लिए सब मीटर की व्यवस्था की है। इससे किरायेदार जितनी बिजली इस्तेमाल करते हैं उतनी बिजली तो देते हैं, लेकिन सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं ले पाते। दिल्ली में सत्तासीन होते ही आम आदमी पार्टी सरकार ने 201 से 400 यूनिट तक बिजली इस्तेमाल करने पर 50 फीसद छूट की घोषण की थी, लेकिन इसका फायदा साढ़े साल बाद भी किरायेदारों को नहीं मिल सका है। इसकी वजह यह है कि सरकार ने एलान किया था कि किरायेदारों को अलग से बिजली कनेक्शन दिया जाएगा, लेकिन इस पर अब तक अमल नहीं हो पाया है।

किरायेदार विकास पार्टी केजरीवाल से नाराज

इसको लेकर किरायेदार विकास पार्टी का कहना है कि तकरीबन 2 साल पहले 6 अगस्त, 2017 को ही मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक कार्यक्रम के दौरान किरायेदारों को भी योजनाओं का लाभ देने के लिए प्रीपेड मीटर की बात कही थी, लेकिन इसे धरातल अब तक नहीं लाया जा सका है। किरायेदारों को लाभ मिला नहीं और अब मकान मालिकों के लिए 200 यूनिट तक बिजली मुफ्त कर दी है। इस संगठन की मानें तो दिल्ली में आधी आबादी किराये के मकानों में रहती है, लेकिन केजरीवाल की इस योजना से किरायेदारों को कोई लाभ नहीं होगा। संगठन ने 15 अगस्त को इस बाबत सीएम अरविंद केजरीवाल के खिलाफ प्रदर्शन का एलान किया है।

33 लाख परिवारों को मिलेगा लाभ

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ट्रंप कार्ड खेलते हुए दिल्ली में प्रतिमाह 200 यूनिट तक बिजली का बिल माफ करने का एलान किया है और यह लागू भी हो गया है। वहीं, 201 से 400 यूनिट तक बिजली खपत करने पर आधा बिल भरना होगा। इस घोषणा से इसी महीने से करीब 33 लाख घरों को फायदा पहुंचेगा।  एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वक्त लगभग 35 फीसद उपभोक्ता हैं, जो प्रतिमाह 200 यूनिट से कम बिजली खर्च करते हैं। सर्दियों में यह फीसद लगभग 70 तक पहुंच जाएगा।

200 यूनिट से ज्यादा खर्च तो 2015 में बने नियम के अनुसार करना होगा भुगतान

सरकार के फैसले के बाद काफी लोगों के मन में सवाल उठ रहा है कि अगर 200 से एक यूनिट भी ज्यादा खपत हुई तो क्या होगा? मान लीजिए 300 यूनिट की खपत हो गई तो क्या होगा? इस स्थिति में 200 से बाद यानी 100 यूनिट पर आधा बिल लगेगा या फिर पूरी 300 यूनिट पर आधा होगा? ऐसे में आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने यहां पहले से लागू नीति पर ही अमल किया है।  2015 में यह नियम बना था कि 200 से ऊपर होने पर पूरे बिल का आधा आपको देना होगा। उदाहरण के तौर पर 300 यूनिट होने पर आपको 150 यूनिट का बिल भरना होगा।

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