नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ नई दिल्ली विधानसभा सीट से 87 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है। इनमें कांग्रेस उम्मीदबार रोमेश सब्बरवाल और भाजपा प्रत्याशी सुनील यादव समेत कई निर्दलीय भी शामिल हैं। नई दिल्ली विधानसभा सीट से सीएम केजरीवाल समेत कुल 88 उम्मीदवारों ने पर्चा दाखिल किया है।
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बता दें कि अब इन सभी उम्मीदवारों के नामांकन पत्र की जांच होगी। इसके बाद ही तय हो पाएगा कि इस सीट पर कितने उम्मीदवार चुनाव लड़ेंगे। आम तौर पर कोई न कोई गलती होने की वजह से कई निर्दलीय या छोटे दलों के उम्मीदवारों का नामांकन में खारिज हो जाता है। फिलहाल आखिरी तस्वीर नामांकन पत्रों के जांच के बाद ही साफ हो पाएगी
नई दिल्ली से डीटीसी के कई पूर्व कर्मचारी उतरे
दिल्ली परिवहन निगम (डीटीसी) से निष्कासित कई पूर्व कर्मचारियों ने नई दिल्ली सीट से पर्चा दाखिल कर मुख्यमंत्री केजरीवाल के खिलाफ ताल ठोकी है। डीटीसी के 11 पूर्व कर्मचारियों व उनके परिवार के सदस्यों ने मंगलवार को सीएम के खिलाफ नामांकन कराया। कर्मचारियों ने करीब दो दर्जन नामांकन कराने का दावा किया है।
उन्होंने आप पर परिवहन व्यवस्था को खराब करने और वादा खिलाफी का आरोप लगाया। वाल्मिकी झा का कहना था कि उन्होंने जब 2018 में परिवहन व्यवस्था ठीक करने की मांग की और आंदोलन किया तो उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया। मनीष कुमार व उनके भाई ने भी पत्नियों के साथ चार नामांकन कराए। कृष्णा नगर निवासी रोहित गुप्ता ने सबसे पहले यहां निर्दलीय नामांकन पत्र भरा था, वह स्टेशनरी की दुकान चलाते हैं।
नामांकन के लिए सीएम को करना पड़ा 6 घंटे इंतजार
निर्वाचन अधिकारी कार्यालय में आखिरी दिन भीड़ की वजह से मुख्यमंत्री केजरीवाल को नामांकन कराने के लिए छह घंटे इंतजार करना पड़ा। दोपहर 12.15 बजे जब मुख्यमंत्री नामांकन कराने पहुंचे। उस समय तक पहले से 44 लोग कतार में लगे थे। इसकी वजह से उन्हें 45 नंबर का टोकन मिला। सवा छह बजे करीब नंबर आने पर वह नामांकन करा सके। इसके बाद शाम 6.43 बजे निर्वाचन अधिकारी के कार्यालय से बाहर जा सके। वहीं कांग्रेस उम्मीदबार रोमेश सब्बरवाल और भाजपा प्रत्याशी सुनील यादव भी करीब ढाई बजे नामांकन को पहुंचे।
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