नई दिल्ली। राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना यानी मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना में आए व्यवधान को लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा कि दिल्ली सरकार ने राशन की डोर स्टेप डिलीवरी योजना का नाम बदला है। पहले इस योजना का नाम रखा गया था मुख्यमंत्री घर घर राशन योजना। अब योजना का नाम नहीं होगा। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अब पहले की तरह ही राशन योजना रहेगी। उसी के तहत लोगों को घर घर राशन दिया जाएगा।
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मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि
केंद्र सरकार को नाम पर आपत्ति थी, इसलिए नाम हटाया गया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि सोमवार को हमने कैबिनेट बैठक बुलाई है, केंद्र की जो भी शर्तें हैं उन्हें मानेंगे, कैबिनेट फैसला लेकर केंद्र के पास भेज देंगे। उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि अब कोई अड़चन नहीं आएगी। हमें कोई श्रेय नहीं लेना है। हमारा उद्देश्य लोगों को घर घर राशन पहुंचाना है। यह हमारा 22 साल पुराना सपना है। अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना 25 मार्च से शुरू होना था, लेकिन शुक्रवार को हमारे पास केंद्र सरकार की तरफ से एक चिठ्ठी आई है कि ये योजना लागू नहीं कर सकते क्योंकि योजना का नाम मुख्यमंत्री था। तो आज हमने इस पर बैठक की और अब इस योजना का कोई नाम नहीं है,हमें कोई क्रेडिट नहीं चाहिए।
केंद्र की आपत्ति
केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रलय के संयुक्त सचिव एस जगन्नाथन ने दिल्ली सरकार के खाद्य आपूर्ति आयुक्त को पत्र लिखकर स्पष्ट किया है कि एनएफएसए के तहत जारी किए गए अनाज को किसी और नाम से या शब्दावली में बदलाव कर प्रचारित व वितरित नहीं किया जा सकता। इसमें बदलाव केवल संसदीय कार्यवाही से ही संभव है। ऐसे में दिल्ली सरकार एनएफएसए के नाम में कोई बदलाव न करे। पत्र में आगे कहा गया है कि यदि राज्य सरकार चाहे तो अनुदानित खाद्यान की मात्र और इस पर अनुदान बढ़ा सकती है, साथ ही इसमें अन्य वस्तुएं भी जोड़ सकती है। लेकिन, एनएफएसए का नाम बदलने से लाभार्थियों के बीच भ्रम की स्थिति भी पैदा हो सकती है।
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