गुरुवार को ऋषिकेश में परमार्थ निकेतन में योग की दीक्षा लेने के बाद 55 चीनी योग साधकों का दल तीर्थनगरी से वापस अपने देश रवाना हुआ। इससे पूर्व दल ने आश्रम परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज के सानिध्य में वाटर ब्ले¨सग सेरेमनी में नदियों और पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प लिया।
परमार्थ प्रवक्ता के अनुसार परमार्थ निकेतन में पिछले चार सप्ताह से संचालित योग प्रशिक्षण शिविर में चीन के 55 योग साधकों ने योग, प्राणायाम, ध्यान और आसन की दीक्षा ग्रहण की। गुरुवार को यह प्रशिक्षण शिविर संपन्न हुआ। जिस पर वाटर ब्ले¨सग सेरेमनी का आयोजन किया गया। जिसमें आश्रम के परमाध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने साधकों के दल को नदियों और पर्यावरण के संरक्षण का संकल्प दिलाया।
पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करना परोपकार का कार्य
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि संयोग और सहकार के साथ पर्यावरण एवं नदियों के संरक्षण के लिये कार्य करने की जरूरत है। कहा कि पर्यावरण के क्षेत्र में कार्य करना परोपकार का कार्य है। प्रत्येक मानव को स्वस्थ पर्यावरण, स्वच्छ जल एवं शुद्ध प्राणवायु का अधिकार है, परन्तु विकास के अधिकार की प्राप्ति पर्यावरणीय जरूरतों को ध्यान में रखकर की जानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक मनुष्य को पर्यावरण संरक्षण के लिये शक्तिशाली बनना होगा। जाति-बंधन तोड़कर समाज को पर्यावरण और प्रकृति के लिए एकजुट होना होगा। इस अवसर पर स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने सभी योग साधकों को रूद्राक्ष की माला भी भेंट की।