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कैसे एयरलाइन कंपनियां कर सकती हैं उड़ान स्कीम के लिए आवेदन ‘उड़ान’ में भाग लेने वाली एयरलाइन को किन्हीं दो हवाई अड्डों के बीच उड़ानें शुरू करने के लिए ऑनलाइन निविदाएं भरनी होती हैं। फिर इन एयरलाइंस से वित्तीय निविदाएं मांगी जाती हैं। पहली वित्तीय निविदाओं के आधार पर उनसे कम सब्सिडी मांगने वाली एयरलाइंस से दूसरी वित्तीय निविदा के तहत जवाबी यानी प्रति-प्रस्ताव मांगे जाते हैं। अंततरू सबसे कम या शून्य सब्सिडी मांगने वाली एयरलाइंस को रूट आवंटित किए जाते हैं। ‘उड़ान’ में वही एयरलाइंस हिस्सा ले सकती हैं जो कम से कम सब्सिडी पर यात्रियों को 2500 रुपये प्रति घंटे की दर पर विमान यात्र (यात्रा) तथा इतने ही किराये पर आधे घंटे की हेलिकॉप्टर यात्रा ऑफर देने में सक्षम हो। कामयाब एयरलाइंस को आधी सीटें (विमान में न्यूनतम 9 व अधिकतम 40 सीटें तथा हेलिकॉप्टर में अधिकतम 12 सीटें) 2500 रुपये की दर पर तथा बाकी आधी सीटें सामान्य किराये पर बेचने की छूट है। फिलहाल स्कीम दस वर्ष के लिए है। आवश्यकता पड़ने पर इसे आगे बढ़ाया जा सकता है। स्कीम के तहत टिकट पर सर्विस टैक्स की छूट के अलावा एयरलाइंस को अन्य एयरलाइंस के यात्रियों के साथ सीटें साझा करने (कोड शेयरिंग) की छूट है। उनसे एयरपोर्ट शुल्क, पार्किंग व लैंडिंग शुल्क भी नहीं लिया जाता है।]]>

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