Liquor policy case : शराब घोटाले मामले में गृह मंत्रालय ने दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर मुकदमा चलाने की अनुमति दे दी है। मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी दी गई है।
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सूत्रों के हवाले से समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को शराब घोटाला मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग में कथित संलिप्तता के लिए दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत मुकदमा चलाने के लिए अधिकृत किया है।
क्या है मामला?
अधिकारियों ने बताया कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने आबकारी नीति से जुड़े धन शोधन मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को मंजूरी दे दी है। संघीय एजेंसी ने केजरीवाल (56) को पिछले साल मार्च में गिरफ्तार करने के बाद विशेष धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) अदालत के समक्ष उनके खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था।
विधानसभा चुनाव से पहले आई खबर
घटनाक्रम ऐसे समय हुआ है, जब पांच फरवरी को दिल्ली में विधानसभा चुनाव होने जा रहे हैं। केजरीवाल को उनकी व्यक्तिगत हैसियत के साथ आप के राष्ट्रीय संयोजक होने के नाते भी आरोपी बनाया गया है। ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री को दिल्ली में आबकारी घोटाले (Liquor policy case) का मुख्य साजिशकर्ता बताया था। आरोप है कि उन्होंने दिल्ली सरकार के मंत्री, आप नेताओं और अन्य लोगों के साथ मिलीभगत करते हुए इस काम को अंजाम दिया।
ईडी ने क्या कहा था?
ईडी ने कहा था कि केजरीवाल अपराध के समय कथित कंपनी जो कि ‘आप’ है, के प्रभारी थे, इसलिए उन्हें और उनकी पार्टी को धन शोधन रोकथाम कानून के तहत अपराधों का दोषी माना जाएगा और उन पर मुकदमा चलाते हुए उन्हें दंडित किया जाएगा।
आबकारी नीति से जुड़ा मामला
आबकारी मामला दिल्ली सरकार की आबकारी नीति 2021-22 के निर्माण और क्रियान्वयन में कथित अनियमितता और भ्रष्टाचार से जुड़ा है। इस नीति को रद्द किया जा चुका है।
ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया
दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना ने कथित अनियमितताओं की केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की सिफारिश की थी। इसके बाद ईडी ने पीएमएलए के तहत मामला दर्ज किया। सीबीआई द्वारा 17 अगस्त 2022 को दर्ज प्राथमिकी का संज्ञान लेते हुए ईडी ने कथित अनियमितताओं की जांच के लिए 22 अगस्त 2022 को धन शोधन का मामला दर्ज किया था।
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