Diwali 2024 : उत्तराखंड में अब दो दिन होगा दीपोत्सव; एक नवंबर का भी सार्वजनिक अवकाश किया घोषित

19

Diwali 2024 :  उत्तराखंड में भी एक नवंबर को दिवाली पर सार्वजनिक अवकाश घोषित कर दिया गया है। दिवाली पर दो तिथियों की वजह से संशय की स्थिति बनी हुई है। 31 अक्तूबर को पहले से ही सार्वजनिक अवकाश घोषित किया हुआ था, लेकिन एक नवंबर को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने की मांग की जा रही थी। जिसके बाद आज प्रदेश सरकार द्वारा एक नवंबर को भी सार्वजनिक अवकाश घोषित किए जाने का आदेश जारी कर दिया है।

Uttarakhand State Women Policy 2024 : रेखा आर्या ने “उत्त्तराखण्ड राज्य महिला नीति 2024“ को लेकर सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक आयोजित कर समीक्षा की

दीपावली पूजन और दीपदान किस दिन करें इस पर उत्तराखंड में भारी भ्रम है। पंचपुरी हरिद्वार के ज्योतिषाचार्यों का मानना है कि दीपावली पूजन के लिए प्रदोष काल, निशीथ काल, महा निशीथ काल और स्वाति नक्षत्र केवल 31 अक्तूबर की रात्रि में उपलब्ध हैं। इसलिए दीपावली 31 को मनानी चाहिए। वहीं, चारधाम में एक नवंबर को दीपावली मनाई जाएगी।

सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में भी अमावस्या (Diwali 2024)

गंगा सभी ने भी एक नवंबर को ही दीपावली मनाने का पंचांग जारी किया है। गंगा सभा का मानना है कि यदि दो दिन की अमावस्या होती है तो दूसरे दिन ही दीपावली पूजन और मां लक्ष्मी का पूजन किया जाना चाहिए। एक तारीख में सूर्योदय के समय भी अमावस्या है और सूर्यास्त के समय प्रदोष काल में भी अमावस्या है। इसलिए एक नवंबर को दीपावली मनानी चाहिए।

मान्यता के अनुसार दीपावली का पर्व सतयुग और उसके बाद त्रेतायुग की दो घटनाओं से जुड़ा है। सतयुग में कार्तिक कृष्ण अमावस्या पर समुद्र मंथन से महालक्ष्मी प्रकट हुई थीं। लक्ष्मी पूजन तभी सतयुग से होता आ रहा है।

कालांतर में त्रेतायुग आया, भगवान विष्णु ने रामावतार लिया। संयोग से रावण वध के बाद श्रीराम छोटी दिवाली के दिन भरत को साथ लेकर अयोध्या पहुंचे। अगले दिन अमावस्या को लक्ष्मी पूजन के साथ ही राम-जानकी के आगमन पर देशभर में दीप जलाए गए। तब से लक्ष्मी और राम की पूजा एक साथ दीपावली पर्व के रूप में जुड़ गई। कलयुग में वही पर्व चला आ रहा है।

Uttarakhand Rajya Sthapna Diwas 2024 : मुख्य सचिव ने राज्य स्थापना सप्ताह के आयोजन की तैयारियों की समीक्षा की

Leave a Reply