Monkey pox : उत्तराखंड में मंकी पॉक्स को लेकर अलर्ट, ये हैं लक्षण

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Monkey pox :  मंकी पॉक्स को लेकर स्वास्थ्य महकमा अलर्ट हो गया है। स्वास्थ्य विभाग ने सभी सीएमओ को निगरानी और एहतियात बरतने के निर्देश दिए हैं। हालांकि अभी तक प्रदेश में मंकी पॉक्स का कोई मामला सामने नहीं आया है।

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स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. तारा आर्य ने कहा कि मंकी पॉक्स (Monkey pox) एक वायरल संक्रमण है। जो एक रोगी से दूसरे में फैलता है। अफ्रीका व अन्य देशों की यात्रा करने वाले लोगाें की निगरानी की जाए। मरीज में संक्रमण के लक्षण दिखाई देने पर तत्काल जांच कर उसको आइसोलेट किया जाए।

लक्षण दिखते हैं चेचक जैसे, छींकने और खांसने से फैलता है वायरस

विश्व स्वास्थ्य संगठन ने मंकीपाक्स को वैश्विक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर दिया है।

स्वास्थ्य महानिदेशक ने कहा है कि यह जूनोटिक बीमारी है, जो जानवरों से मनुष्यों में फैलता है।

इसके लक्षण चेचक जैसे दिखते हैं।

इसके लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, मांसपेशी में दर्द, पीठ दर्द, थकान महसूस होना, लिंफ नोड में सूजन और शरीर पर चकते, जो तीन सप्ताह तक रह सकते हैं।

संक्रमित मरीज के खांसने, छींकने से निकलने वाली ड्रापलेट्स से यह वायरस दूसरे व्यक्ति में फैल सकता है।
संक्रमित व्यक्ति के कपड़े से भी फैल सकता है।

विभिन्न बीमारियों से ग्रस्त एवं कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों को इसका खतरा ज्यादा होता है।

ऐसे फैलता है संक्रमण

मरीज के घाव से निकलकर यह वायरस आंख, नाक और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है।
इसके अलावा बंदर, चूहे, गिलहरी जैसे जानवरों के काटने से या उनके खून और बाडी फ्लूइड्स को छूने से भी मंकीपाक्स फैल सकता है।

जानकारों के अनुसार ठीक से मांस पका कर न खाने या संक्रमित जानवर का मांस खाने से भी आप इस बीमारी की चपेट में आ सकते हैं।

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